سورة التين بالهندية
وَالتِّينِ وَالزَّيْتُونِ(1) इन्जीर और ज़ैतून की क़सम |
وَطُورِ سِينِينَ(2) और तूर सीनीन की |
وَهَٰذَا الْبَلَدِ الْأَمِينِ(3) और उस अमन वाले शहर (मक्का) की |
لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنسَانَ فِي أَحْسَنِ تَقْوِيمٍ(4) कि हमने इन्सान बहुत अच्छे कैड़े का पैदा किया |
ثُمَّ رَدَدْنَاهُ أَسْفَلَ سَافِلِينَ(5) फिर हमने उसे (बूढ़ा करके रफ्ता रफ्ता) पस्त से पस्त हालत की तरफ फेर दिया |
إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ أَجْرٌ غَيْرُ مَمْنُونٍ(6) मगर जो लोग ईमान लाए और अच्छे (अच्छे) काम करते रहे उनके लिए तो बे इन्तेहा अज्र व सवाब है |
فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّينِ(7) तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है |
أَلَيْسَ اللَّهُ بِأَحْكَمِ الْحَاكِمِينَ(8) क्या ख़ुदा सबसे बड़ा हाकिम नहीं है (हाँ ज़रूर है) |
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Tuesday, November 5, 2024
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