سورة العاديات بالهندية
وَالْعَادِيَاتِ ضَبْحًا(1) (ग़ाज़ियों के) सरपट दौड़ने वाले घोड़ो की क़सम |
فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا(2) जो नथनों से फ़रराटे लेते हैं |
فَالْمُغِيرَاتِ صُبْحًا(3) फिर पत्थर पर टाप मारकर चिंगारियाँ निकालते हैं फिर सुबह को छापा मारते हैं |
فَأَثَرْنَ بِهِ نَقْعًا(4) (तो दौड़ धूप से) बुलन्द कर देते हैं |
فَوَسَطْنَ بِهِ جَمْعًا(5) फिर उस वक्त (दुश्मन के) दिल में घुस जाते हैं |
إِنَّ الْإِنسَانَ لِرَبِّهِ لَكَنُودٌ(6) (ग़रज़ क़सम है) कि बेशक इन्सान अपने परवरदिगार का नाशुक्रा है |
وَإِنَّهُ عَلَىٰ ذَٰلِكَ لَشَهِيدٌ(7) और यक़ीनी ख़ुदा भी उससे वाक़िफ़ है |
وَإِنَّهُ لِحُبِّ الْخَيْرِ لَشَدِيدٌ(8) और बेशक वह माल का सख्त हरीस है |
۞ أَفَلَا يَعْلَمُ إِذَا بُعْثِرَ مَا فِي الْقُبُورِ(9) तो क्या वह ये नहीं जानता कि जब मुर्दे क़ब्रों से निकाले जाएँगे |
وَحُصِّلَ مَا فِي الصُّدُورِ(10) और दिलों के भेद ज़ाहिर कर दिए जाएँगे |
إِنَّ رَبَّهُم بِهِمْ يَوْمَئِذٍ لَّخَبِيرٌ(11) बेशक उस दिन उनका परवरदिगार उनसे ख़ूब वाक़िफ़ होगा |
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Tuesday, November 5, 2024
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