Surah Adiyat Ayat 2 Tafseer in Hindi
﴿فَالْمُورِيَاتِ قَدْحًا﴾
[ العاديات: 2]
जो नथनों से फ़रराटे लेते हैं
Surah Al-Adiyat Hindi
Surah Adiyat Verse 2 translate in arabic
Surah Adiyat Ayat 2 meaning in Hindi
फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते है,
Quran Urdu translation
پھر (پتھروں پر نعل) مار کر آگ نکالتے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(100:2) then raise sparks of fire (by their hoofs), *2
And the producers of sparks [when] striking meaning
*2) "Dashing off sparks" indicates that the horses run in the dead of night, for the sparks struck by their hoofs become conspicuous only at night.
Ayats from Quran in Hindi
- जिन पर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से निशान बनाए हुए थे और वह बस्ती (उन)
- तो अगर (अपने दावे में) तुम सच्चे हो तो रूह को फेर क्यों नहीं देते
- कि (सारी खुदायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं
- (दुनिया में) फायदा तो ज़रा सा है और (आख़िरत में) दर्दनाक अज़ाब है
- और ताकि जो लोग इफ़तेरा परदाज़ियाँ ये लोग ख़ुद करते हैं वह भी करने लगें
- तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे
- एक मसल ख़ुदा ने बयान फरमाई कि एक ग़ुलाम है जो दूसरे के कब्जे में
- हालॉकि तुम पर निगेहबान मुक़र्रर हैं
- और उन्होने यक़ीनन अपने परवरदिगार (की क़ुदरत) की बड़ी बड़ी निशानियाँ देखीं
- और उनके पास तो वह हालात पहुँच चुके हैं जिनमें काफी तम्बीह थीं
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