Surah Zukhruf Ayat 2 Tafseer in Hindi
﴿وَالْكِتَابِ الْمُبِينِ﴾
[ الزخرف: 2]
रौशन किताब (क़ुरान) की क़सम
Surah Az-Zukhruf Hindi
Surah Zukhruf Verse 2 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और तुम लोग (क़समों के तोड़ने में) उस औरत के ऐसे न हो जो अपना
- और हम ने उन्हीं पैग़म्बरों के क़दम ब क़दम मरियम के बेटे ईसा को चलाया
- और उनको राहे रास्त की भी ज़रूर हिदायत करते
- जो किसी तरह टल नहीं सकता और जब हमारे भेजे हुए फरिश्ते (लड़को की सूरत
- बेशक परहेज़गार लोग (बेहिश्त के) बाग़ों और नहरों में
- ये है कि मरियम के बेटे ईसा का सच्चा (सच्चा) क़िस्सा जिसमें ये लोग (ख्वाहमख्वाह)
- पस हमने उनकीे एहद शिकनी की वजह से उनपर लानत की और उनके दिलों को
- और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख्वाह हूँ
- और उन लोगों ने झुठलाया और अपनी नफ़सियानी ख्वाहिशों की पैरवी की, और हर काम
- (मुसलमानों) तुम पर जिहाद फर्ज क़िया गया अगरचे तुम पर शाक़ ज़रुर है और अजब
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