Surah Ad Dukhaan Ayat 1 Tafseer in Hindi
Surah Ad Dukhaan Verse 1 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और तुमको क्या मालूम रात को आने वाला क्या है
- फिर (यही) तुम शक़ करते हो और वही तो आसमानों में (भी) और ज़मीन में
- भला इनको इतनी भी न सूझी कि ये बछड़ा न तो उन लोगों को पलट
- और जिन लोगों ने हमारी आयतों (के झुठलाने में हमारे) आजिज़ करने के वास्ते कोशिश
- उनके इल्म की यही इन्तिहा है तुम्हारा परवरदिगार, जो उसके रास्ते से भटक गया उसको
- सुन रखो कि जब ज़मीन कूट कूट कर रेज़ा रेज़ा कर दी जाएगी
- और (मुसलमानों) ये लोग ख़ुदा की क़सम खाएंगे फिर वह तुममें ही के हैं हालॉकि
- फिर अगर तीसरी बार भी औरत को तलाक़ (बाइन) दे तो उसके बाद जब तक
- (जो शिकस्त खा चुके) सब ही ने तो पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा अज़ाब ठीक
- और अपने ख़ास बन्दों पैग़म्बरों से हमारी बात पक्की हो चुकी है
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