Surah TaHa Ayat 32 Tafseer in Hindi
﴿وَأَشْرِكْهُ فِي أَمْرِي﴾
[ طه: 32]
और मेरे काम में उसको मेरा शरीक बना
Surah Ta-Ha Hindi
Surah TaHa Verse 32 translate in arabic
Surah TaHa Ayat 32 meaning in Hindi
और उसे मेरे काम में शरीक कर दें,
Quran Urdu translation
اور اسے میرے کام میں شریک کر
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(20:32) and make him my associate in my work
And let him share my task meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और ख़ुदा ही जिसके लिए चाहता है रोज़ी को बढ़ा देता है और जिसके लिए
- ग़रज़ कितनी बस्तियाँ हैं कि हम ने उन्हें बरबाद कर दिया और वह सरकश थीं
- वही (मुदब्बिर) पोशीदा और ज़ाहिर का जानने वाला (सब पर) ग़ालिब मेहरबान है
- ख़ुदा बेशक उसको तो नहीं बख्शता कि उसका कोई और शरीक बनाया जाए हॉ उसके
- (क़यामत कुछ जता कर तो आने से रही) बल्कि वह तो अचानक उन पर आ
- वह लोग कहने लगे कि ऐ मूसा इस मुल्क में तो बड़े ज़बरदस्त (सरकश) लोग
- (ग़रज़) हुद हुद ने मलका के पास ख़त पहुँचा दिया तो मलका बोली ऐ (मेरे
- ये लोग जो चाहेंगे उनके लिए परवर दिगार के पास (मौजूद) है, ये नेकी करने
- क्या वह तुम्हारी कुछ मदद कर सकते हैं या वह ख़ुद अपनी आप बाहम मदद
- ताकि उससे उनकी आज़माईश करें और जो शख़्श अपने परवरदिगार की याद से मुँह मोड़ेगा
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