Surah Ad Dukhaan Ayat 2 Tafseer in Hindi
﴿وَالْكِتَابِ الْمُبِينِ﴾
[ الدخان: 2]
वाज़ेए व रौशन किताब (कुरान) की क़सम
Surah Ad-Dukhaan Hindi
Surah Ad Dukhaan Verse 2 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और बेशक हम ही ने तुममें से उन लोगों को भी अच्छी तरह समझ लिया
- (फिर क्या काम आएंगीं)तुम्हारा परवरदिगार यकता खुदा है तो जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं
- और जब बीमार पड़ता हूँ तो वही मुझे शिफा इनायत फरमाता है
- और अगर तुम पर ख़ुदा का फज़ल (व करम) और उसकी मेहरबानी न होती तो
- हर तरह की तारीफ ख़ुदा ही को (सज़ावार) है जिसने अपने बन्दे (मोहम्मद) पर किताब
- फिर हमने उनको (मछली के पेट से निकाल कर) एक खुले मैदान में डाल दिया
- और हम ये मिसाले लोगों के (समझाने) के वास्ते बयान करते हैं और उन को
- ऐ ईमानदार जो पाक चीज़े ख़ुदा ने तुम्हारे वास्ते हलाल कर दी हैं उनको अपने
- हमने उन से पहले कितने गिरोह हलाक कर डाले तो (अज़ाब के वक्त) ये लोग
- ़ज़िना करने वाली औरत और ज़िना करने वाले मर्द इन दोनों में से हर एक
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