Surah Nisa Ayat 115 Tafseer in Hindi
﴿وَمَن يُشَاقِقِ الرَّسُولَ مِن بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُ الْهُدَىٰ وَيَتَّبِعْ غَيْرَ سَبِيلِ الْمُؤْمِنِينَ نُوَلِّهِ مَا تَوَلَّىٰ وَنُصْلِهِ جَهَنَّمَ ۖ وَسَاءَتْ مَصِيرًا﴾
[ النساء: 115]
और जो शख्स राहे रास्त के ज़ाहिर होने के बाद रसूल से सरकशी करे और मोमिनीन के तरीक़े के सिवा किसी और राह पर चले तो जिधर वह फिर गया है हम भी उधर ही फेर देंगे और (आख़िर) उसे जहन्नुम में झोंक देंगे और वह तो बहुत ही बुरा ठिकाना
Surah An-Nisa Hindi76. ईमान वालों से अभिप्राय नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सह़ाबा (साथी) हैं। 77. विद्वानों ने लिखा है कि यह आयत भी उसी मुनाफ़िक़ से संबंधित है। क्योंकि जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उसके विरुद्ध दंड का निर्णय कर दिया, तो वह भागकर मक्का के मिश्रणवादियों से मिल गया। (तफ़्सीरे क़ुर्तुबी) फिर भी इस आयत का आदेश सर्वसामान्य है।
Surah Nisa Verse 115 translate in arabic
ومن يشاقق الرسول من بعد ما تبين له الهدى ويتبع غير سبيل المؤمنين نوله ما تولى ونصله جهنم وساءت مصيرا
سورة: النساء - آية: ( 115 ) - جزء: ( 5 ) - صفحة: ( 97 )Surah Nisa Ayat 115 meaning in Hindi
और जो क्यक्ति, इसके पश्चात भी मार्गदर्शन खुलकर उसके सामने आ गया है, रसूल का विरोध करेगा और ईमानवालों के मार्ग के अतिरिक्त किसी और मार्ग पर चलेगा तो उसे हम उसी पर चलने देंगे, जिसको उसने अपनाया होगा और उसे जहन्नम में झोंक देंगे, और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है
Quran Urdu translation
اور جو شخص سیدھا رستہ معلوم ہونے کے بعد پیغمبر کی مخالف کرے اور مومنوں کے رستے کے سوا اور رستے پر چلے تو جدھر وہ چلتا ہے ہم اسے ادھر ہی چلنے دیں گے اور (قیامت کے دن) جہنم میں داخل کریں گے اور وہ بری جگہ ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(4:115) As for him who sets himself against the Messenger and follows a path other than that of the believers even after true guidance had become clear to him, We will let him go to the way he has turned to, *143 and We will cast him into Hell - an evil destination.
And whoever opposes the Messenger after guidance has become clear to him meaning
*143). When, after revelation from God, the Prophet (peace be on him) delivered his verdict in favour of the innocent Jew rather than the dishonest Muslim, the latter was so seized by un-Islamic, egotistic and chauvinistic considerations that he left Madina, went straight to Makka to join the ranks of the enemies of Islam and of the Prophet (peace be on him), and undertook open opposition. The verse alludes to that incident.
phonetic Transliteration
Waman yushaqiqi alrrasoola min baAAdi ma tabayyana lahu alhuda wayattabiAA ghayra sabeeli almumineena nuwallihi ma tawalla wanuslihi jahannama wasaat maseeran
English - Sahih International
And whoever opposes the Messenger after guidance has become clear to him and follows other than the way of the believers - We will give him what he has taken and drive him into Hell, and evil it is as a destination.
Quran Bangla tarjuma
যে কেউ রসূলের বিরুদ্ধাচারণ করে, তার কাছে সরল পথ প্রকাশিত হওয়ার পর এবং সব মুসলমানের অনুসৃত পথের বিরুদ্ধে চলে, আমি তাকে ঐ দিকেই ফেরাব যে দিক সে অবলম্বন করেছে এবং তাকে জাহান্নামে নিক্ষেপ করব। আর তা নিকৃষ্টতর গন্তব্যস্থান।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और जो शख्स ख़ुदा पर झूठ बोहतान बॉधे या जब उसके पास कोई सच्ची बात
- और हमने आसमान से एक अन्दाजे क़े साथ पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में (हसब
- और वह जो लड़का जिसको मैंने मार डाला तो उसके माँ बाप दोनों (सच्चे) ईमानदार
- और आस ही पास से (बाआसानी) गिरफ्तार कर लिए जाएँगे और (उस वक्त बेबसी में)
- और पहाड़ (टकरा कर) बिल्कुल चूर चूर हो जाएँगे
- न तो आफताब ही से ये बन पड़ता है कि वह माहताब को जा ले
- और रात की क़सम जब ख़त्म होने को आए
- उस दिन ख़ुदा उनको ठीक उनका पूरा पूरा बदला देगा और जान जाएँगें कि ख़ुदा
- और जो लोग अपने परवरदिगार के अज़ाब से डरते रहते हैं
- और अपने परवरदिगार का ज़िक्र करता और नमाज़ पढ़ता रहा
Quran surahs in Hindi :
Download surah Nisa with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Nisa mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Nisa Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers