Surah Nisa Ayat 114 Tafseer in Hindi
﴿۞ لَّا خَيْرَ فِي كَثِيرٍ مِّن نَّجْوَاهُمْ إِلَّا مَنْ أَمَرَ بِصَدَقَةٍ أَوْ مَعْرُوفٍ أَوْ إِصْلَاحٍ بَيْنَ النَّاسِ ۚ وَمَن يَفْعَلْ ذَٰلِكَ ابْتِغَاءَ مَرْضَاتِ اللَّهِ فَسَوْفَ نُؤْتِيهِ أَجْرًا عَظِيمًا﴾
[ النساء: 114]
(ऐ रसूल) उनके राज़ की बातों में अक्सर में भलाई (का तो नाम तक) नहीं मगर (हॉ) जो शख्स किसी को सदक़ा देने या अच्छे काम करे या लोगों के दरमियान मेल मिलाप कराने का हुक्म दे (तो अलबत्ता एक बात है) और जो शख्स (महज़) ख़ुदा की ख़ुशनूदी की ख्वाहिश में ऐसे काम करेगा तो हम अनक़रीब ही उसे बड़ा अच्छा बदला अता फरमाएंगे
Surah An-Nisa Hindi
Surah Nisa Verse 114 translate in arabic
لا خير في كثير من نجواهم إلا من أمر بصدقة أو معروف أو إصلاح بين الناس ومن يفعل ذلك ابتغاء مرضات الله فسوف نؤتيه أجرا عظيما
سورة: النساء - آية: ( 114 ) - جزء: ( 5 ) - صفحة: ( 97 )Surah Nisa Ayat 114 meaning in Hindi
उनकी अधिकतर काना-फूसियों में कोई भलाई नहीं होती। हाँ, जो व्यक्ति सदक़ा देने या भलाई करने या लोगों के बीच सुधार के लिए कुछ कहे, तो उसकी बात और है। और जो कोई यह काम अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए करेगा, उसे हम निश्चय ही बड़ा प्रतिदान प्रदान करेंगे
Quran Urdu translation
ان لوگوں کی بہت سی مشورتیں اچھی نہیں ہاں (اس شخص کی مشورت اچھی ہوسکتی ہے) جو خیرات یا نیک بات یا لوگوں میں صلح کرنے کو کہے اور جو ایسے کام خدا کی خوشنودی حاصل کرنے کے لئے کرے گا تو ہم اس کو بڑا ثواب دیں گے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(4:114) Most of their secret conferrings are devoid of good, unless one secretly enjoins in charity, good deeds, and setting the affairs of men right. We shall grant who ever does that seeking to please Allah a great reward.
No good is there in much of their private conversation, except for meaning
phonetic Transliteration
La khayra fee katheerin min najwahum illa man amara bisadaqatin aw maAAroofin aw islahin bayna alnnasi waman yafAAal thalika ibtighaa mardati Allahi fasawfa nuteehi ajran AAatheeman
English - Sahih International
No good is there in much of their private conversation, except for those who enjoin charity or that which is right or conciliation between people. And whoever does that seeking means to the approval of Allah - then We are going to give him a great reward.
Quran Bangla tarjuma
তাদের অধিকাংশ সলা-পরামর্শ ভাল নয়; কিন্তু যে সলা-পরামর্শ দান খয়রাত করতে কিংবা সৎকাজ করতে কিংবা মানুষের মধ্যে সন্ধিস্থাপন কল্পে করতো তা স্বতন্ত্র। যে একাজ করে আল্লাহর সন্তুষ্টির জন্যে আমি তাকে বিরাট ছওয়াব দান করব।
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Ayats from Quran in Hindi
- और (इसी वजह से) हमने उसको रफ्ता रफ्ता नाज़िल किया तुम कह दो कि ख्वाह
- तब ख़ुदा ने अपने रसूल पर और मोमिनीन पर अपनी (तरफ से) तसकीन नाज़िल फरमाई
- तो ये लोग फौरन बोल उठेंगे कि (सब एख्तेयार) ख़ुदा ही को है- अब तुम
- एक माँगने वाले ने काफिरों के लिए होकर रहने वाले अज़ाब को माँगा
- और ख़ुदा ने जो फ़ज़ल व करम उन पर किया है उसकी (ख़ुशी) से फूले
- अगर ये लोग तुम पर क़ाबू पा जाएँ तो तुम्हारे दुश्मन हो जाएँ और ईज़ा
- और इसी तरह हिज्र के रहने वालों (क़ौम सालेह ने भी) पैग़म्बरों को झुठलाया
- फिर सामरी ने उन लोगों के लिए (उसी जेवर से) एक बछड़े की मूरत बनाई
- तो वह लोग कहने लगे जब तक मूसा हमारे पास पलट कर न आएँ हम
- (ग़रज़ सबके सब) जहन्नुम में औधें मुँह ढकेल दिए जाएँगे
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