Surah Shuara Ayat 147 Tafseer in Hindi
﴿فِي جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ﴾
[ الشعراء: 147]
बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 147 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 147 meaning in Hindi
बाग़ों और स्रोतों
Quran Urdu translation
(یعنی) باغ اور چشمے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:147) in the gardens and the water-springs?
Within gardens and springs meaning
Ayats from Quran in Hindi
- हर तरह की तारीफ ख़ुदा ही को (सज़ावार) है जिसने अपने बन्दे (मोहम्मद) पर किताब
- बेशक परहेज़गार लोग अमन की जगह
- जिसमें वह हमेशा अबदल आबाद रहेंगे न किसी को अपना सरपरस्त पाएँगे न मद्दगार
- फिर जब सूर में एक (बार) फूँक मार दी जाएगी
- क्या जो लोग बुरे बुरे काम करते हैं उन्होंने ये समझ लिया है कि वह
- और जब उनके सामने क़ुरान पढ़ा जाता है तो (ख़ुदा का) सजदा नहीं करते (21)
- और (ये इस वजह से कि दुनिया में) उन्हें अच्छी बात (कलमाए तौहीद) की हिदायत
- और अपने लड़के बालों से भागेगा
- और ये कि वही हँसाता और रूलाता है
- जो चीज़ आसमानों में है और जो चीज़ ज़मीन में है (सब) ख़ुदा की तस्बीह
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