Surah Shuara Ayat 147 Tafseer in Hindi
﴿فِي جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ﴾
[ الشعراء: 147]
बाग़ और चश्में और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 147 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 147 meaning in Hindi
बाग़ों और स्रोतों
Quran Urdu translation
(یعنی) باغ اور چشمے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:147) in the gardens and the water-springs?
Within gardens and springs meaning
Ayats from Quran in Hindi
- अब बातें न बनाओं हक़ तो ये हैं कि तुम ईमान लाने के बाद काफ़िर
- क्या ये शख्स तुमसे वायदा करता है कि जब तुम मर जाओगे और (मर कर)
- (जवाब दिया जाएगा) हरगिज़ नहीं ये एक लग़ो बात है- जिसे वह बक रहा और
- तो मैं तारों के मनाज़िल की क़सम खाता हूँ
- और इसको कोई तकलीफ़ न पहुँचाना वरना एक बड़े (सख्त) ज़ोर का अज़ाब तुम्हे ले
- ये चाहता है कि तुम्हें तुम्हारें मुल्क से निकाल बाहर कर दे तो अब तुम
- फिर देखो तुम्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा
- और जिसने एक (मुनासिब) अन्दाजे क़े साथ आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने
- ग़रज़ जब मूसा ने चाहा कि उस शख्स पर जो दोनों का दुश्मन था (छुड़ाने
- (मुसलमानों) ख़ुदा ने तुम्हारी बहुतेरे मक़ामात पर (ग़ैबी) इमदाद की और (ख़ासकर) जंग हुनैन के
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