Surah Al Imran Ayat 162 Tafseer in Hindi
﴿أَفَمَنِ اتَّبَعَ رِضْوَانَ اللَّهِ كَمَن بَاءَ بِسَخَطٍ مِّنَ اللَّهِ وَمَأْوَاهُ جَهَنَّمُ ۚ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ﴾
[ آل عمران: 162]
भला जो शख्स ख़ुदा की ख़ुशनूदी का पाबन्द हो क्या वह उस शख्स के बराबर हो सकता है जो ख़ुदा के गज़ब में गिरफ्तार हो और जिसका ठिकाना जहन्नुम है और वह क्या बुरा ठिकाना है
Surah Al Imran Hindi87. अर्थात् पापों में लीन रहा।
Surah Al Imran Verse 162 translate in arabic
أفمن اتبع رضوان الله كمن باء بسخط من الله ومأواه جهنم وبئس المصير
سورة: آل عمران - آية: ( 162 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 71 )Surah Al Imran Ayat 162 meaning in Hindi
भला क्या जो व्यक्ति अल्लाह की इच्छा पर चले वह उस जैसा हो सकता है जो अल्लाह के प्रकोप का भागी हो चुका हो और जिसका ठिकाना जहन्नम है? और वह क्या ही बुरा ठिकाना है
Quran Urdu translation
بھلا جو شخص خدا کی خوشنودی کا تابع ہو وہ اس شخص کی طرح (مرتکب خیانت) ہوسکتا ہے جو خدا کی ناخوشی میں گرفتار ہو اور جس کا ٹھکانہ دوزخ ہے، اور وہ برا ٹھکانا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:162) Is he who follows the good pleasure of Allah like him who is laden with Allah's wrath and whose abode is Hell? How evil that is for a resting-place!
So is one who pursues the pleasure of Allah like one who meaning
phonetic Transliteration
Afamani ittabaAAa ridwana Allahi kaman baa bisakhatin mina Allahi wamawahu jahannamu wabisa almaseeru
English - Sahih International
So is one who pursues the pleasure of Allah like one who brings upon himself the anger of Allah and whose refuge is Hell? And wretched is the destination.
Quran Bangla tarjuma
যে লোক আল্লাহর ইচ্ছার অনুগত, সে কি ঐ লোকের সমান হতে পারে, যে আল্লাহর রোষ অর্জন করেছে? বস্তুতঃ তার ঠিকানা হল দোযখ। আর তা কতইনা নিকৃষ্ট অবস্থান!
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- अहले किताब और मुशरिकों से जो लोग काफिर थे जब तक कि उनके पास खुली
- और लोगों में से ख़ुदा के बन्दे कुछ ऐसे हैं जो ख़ुदा की (ख़ुशनूदी) हासिल
- मैने एक औरत को देखा जो वहाँ के लोगों पर सलतनत करती है और उसे
- और हमें (आख़िर) क्या है कि हम उस पर भरोसा न करें हालॉकि हमे (निजात
- क्या वह तुम्हारी कुछ मदद कर सकते हैं या वह ख़ुद अपनी आप बाहम मदद
- और (ऐ रसूल) बस्तियों के लोगों की सरकशी से जब तुम्हारा परवरदिगार अज़ाब में पकड़ता
- और परहेज़गार तो बेहश्त के बाग़ों और चश्मों मे यक़ीनन होंगे
- उन लोगों की ख्वाहिश तो ये है कि जिस तरह वह काफ़िर हो गए तुम
- (इस माल में) उन मुफलिस मुहाजिरों का हिस्सा भी है जो अपने घरों से और
- हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया और अगर हम चाहें तो
Quran surahs in Hindi :
Download surah Al Imran with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Al Imran mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Al Imran Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers