Surah Ahzab Ayat 25 Tafseer in Hindi
﴿وَرَدَّ اللَّهُ الَّذِينَ كَفَرُوا بِغَيْظِهِمْ لَمْ يَنَالُوا خَيْرًا ۚ وَكَفَى اللَّهُ الْمُؤْمِنِينَ الْقِتَالَ ۚ وَكَانَ اللَّهُ قَوِيًّا عَزِيزًا﴾
[ الأحزاب: 25]
और खुदा ने (अपनी कुदरत से) क़ाफिरों को मदीने से फेर दिया (और वह लोग) अपनी झुंझलाहट में (फिर गए) और इन्हें कुछ फायदे भी न हुआ और खुदा ने (अपनी मेहरबानी से) मोमिनीन को लड़ने की नौबत न आने दी और खुदा तो (बड़ा) ज़बरदस्त (और) ग़ालिब हैं
Surah Al-Ahzab Hindi
Surah Ahzab Verse 25 translate in arabic
ورد الله الذين كفروا بغيظهم لم ينالوا خيرا وكفى الله المؤمنين القتال وكان الله قويا عزيزا
سورة: الأحزاب - آية: ( 25 ) - جزء: ( 21 ) - صفحة: ( 421 )Surah Ahzab Ayat 25 meaning in Hindi
अल्लाह ने इनकार करनेवालों को उनके अपने क्रोध के साथ फेर दिया। वे कोई भलाई प्राप्त न कर सके। अल्लाह ने मोमिनों को युद्ध करने से बचा लिया। अल्लाह तो है ही बड़ा शक्तिवान, प्रभुत्वशाली
Quran Urdu translation
اور جو کافر تھے اُن کو خدا نے پھیر دیا وہ اپنے غصے میں (بھرے ہوئے تھے) کچھ بھلائی حاصل نہ کر سکے۔ اور خدا مومنوں کو لڑائی کے بارے میں کافی ہوا۔ اور خدا طاقتور (اور) زبردست ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(33:25) Allah sent back the unbelievers empty-handed, their hearts seething with rage. Allah sufficed the believers in their fight. Allah is Most Powerful, Most Mighty.
And Allah repelled those who disbelieved, in their rage, not having obtained meaning
phonetic Transliteration
Waradda Allahu allatheena kafaroo bighaythihim lam yanaloo khayran wakafa Allahu almumineena alqitala wakana Allahu qawiyyan AAazeezan
English - Sahih International
And Allah repelled those who disbelieved, in their rage, not having obtained any good. And sufficient was Allah for the believers in battle, and ever is Allah Powerful and Exalted in Might.
Quran Bangla tarjuma
আল্লাহ কাফেরদেরকে ক্রুদ্ধাবস্থায় ফিরিয়ে দিলেন। তারা কোন কল্যাণ পায়নি। যুদ্ধ করার জন্য আল্লাহ মুমিনদের জন্যে যথেষ্ট হয়ে গেছেন। আল্লাহ শক্তিধর, পরাক্রমশালী।
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Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल) उन लोगों के सामने इबराहीम का किस्सा बयान करों
- और ये लोग तो तुम्हें (सर ज़मीन मक्के) से दिल बर्दाश्त करने ही लगे थे
- (ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (तबलीग़े रिसालत का) कुछ सिला माँगते हो कि उन पर
- पस तुम ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो बेशक ख़ुदा ही मेरा और तुम्हारा
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- और सबको अच्छी तरह गिन लिया है
- और उसी की (क़ुदरत की) निशानियों में से एक ये भी है कि आसमान और
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