Surah Baqarah Ayat 85 Tafseer in Hindi
﴿ثُمَّ أَنتُمْ هَٰؤُلَاءِ تَقْتُلُونَ أَنفُسَكُمْ وَتُخْرِجُونَ فَرِيقًا مِّنكُم مِّن دِيَارِهِمْ تَظَاهَرُونَ عَلَيْهِم بِالْإِثْمِ وَالْعُدْوَانِ وَإِن يَأْتُوكُمْ أُسَارَىٰ تُفَادُوهُمْ وَهُوَ مُحَرَّمٌ عَلَيْكُمْ إِخْرَاجُهُمْ ۚ أَفَتُؤْمِنُونَ بِبَعْضِ الْكِتَابِ وَتَكْفُرُونَ بِبَعْضٍ ۚ فَمَا جَزَاءُ مَن يَفْعَلُ ذَٰلِكَ مِنكُمْ إِلَّا خِزْيٌ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ۖ وَيَوْمَ الْقِيَامَةِ يُرَدُّونَ إِلَىٰ أَشَدِّ الْعَذَابِ ۗ وَمَا اللَّهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُونَ﴾
[ البقرة: 85]
(कि हाँ ऐसा हुआ था) फिर वही लोग तो तुम हो कि आपस में एक दूसरे को क़त्ल करते हो और अपनों से एक जत्थे के नाहक़ और ज़बरदस्ती हिमायती बनकर दूसरे को शहर बदर करते हो (और लुत्फ़ तो ये है कि) अगर वही लोग क़ैदी बनकर तम्हारे पास (मदद माँगने) आए तो उनको तावान देकर छुड़ा लेते हो हालाँकि उनका निकालना ही तुम पर हराम किया गया था तो फिर क्या तुम (किताबे खुदा की) बाज़ बातों पर ईमान रखते हो और बाज़ से इन्कार करते हो पस तुम में से जो लोग ऐसा करें उनकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि ज़िन्दगी भर की रूसवाई हो और (आख़िरकार) क़यामत के दिन सख्त अज़ाब की तरफ लौटा दिये जाए और जो कुछ तुम लोग करते हो खुदा उससे ग़ाफ़िल नहीं है
Surah Al-Baqarah Hindi39. मदीने में यहूदियों के तीन क़बीलों में से बनी क़ैनुक़ाअ और बनी नज़ीर मदीने के अरब क़बीले ख़ज़रज के सहयोगी थे। और बनी क़ुरैज़ा औस क़बीले के सहयोगी थे। जब इन दोनों क़बीलों में युद्ध होता, तो यहूदी क़बीले अपने पक्ष के साथ दूसरे पक्ष के साथी यहूदी की हत्या करते। और उसे बेघर कर देते थे। और युद्ध विराम के बाद पराजित पक्ष के बंदी यहूदी का अर्थदंड दे कर, यह कहते हुए मुक्त करा देते कि हमारी पुस्तक तौरात का यही आदेश है। इसी का वर्णन अल्लाह ने इस आयत में किया है। (तफ़्सीर इब्ने कसीर)
Surah Baqarah Verse 85 translate in arabic
ثم أنتم هؤلاء تقتلون أنفسكم وتخرجون فريقا منكم من ديارهم تظاهرون عليهم بالإثم والعدوان وإن يأتوكم أسارى تفادوهم وهو محرم عليكم إخراجهم أفتؤمنون ببعض الكتاب وتكفرون ببعض فما جزاء من يفعل ذلك منكم إلا خزي في الحياة الدنيا ويوم القيامة يردون إلى أشد العذاب وما الله بغافل عما تعملون
سورة: البقرة - آية: ( 85 ) - جزء: ( 1 ) - صفحة: ( 13 )Surah Baqarah Ayat 85 meaning in Hindi
फिर तुम वही हो कि अपने लोगों की हत्या करते हो और अपने ही एक गिरोह के लोगों को उनकी बस्तियों से निकालते हो; तुम गुनाह और ज़्यादती के साथ उनके विरुद्ध एक-दूसरे के पृष्ठपोषक बन जाते हो; और यदि वे बन्दी बनकर तुम्हारे पास आते है, तो उनकी रिहाई के लिए फिद्ए (अर्थदंड) का लेन-देन करते हो जबकि उनको उनके घरों से निकालना ही तुम पर हराम था, तो क्या तुम किताब के एक हिस्से को मानते हो और एक को नहीं मानते? फिर तुममें जो ऐसा करें उसका बदला इसके सिवा और क्या हो सकता है कि सांसारिक जीवन में अपमान हो? और क़यामत के दिन ऐसे लोगों को कठोर से कठोर यातना की ओर फेर दिया जाएगा। अल्लाह उससे बेखबर नहीं है जो कुछ तुम कर रहे हो
Quran Urdu translation
پھر تم وہی ہو کہ اپنوں کو قتل بھی کر دیتے ہو اور اپنے میں سے بعض لوگوں پر گناہ اور ظلم سے چڑھائی کرکے انہیں وطن سے نکال بھی دیتے ہو، اور اگر وہ تمہارے پاس قید ہو کر آئیں تو بدلہ دے کر ان کو چھڑا بھی لیتے ہو، حالانکہ ان کا نکال دینا ہی تم کو حرام تھا۔ (یہ) کیا (بات ہے کہ) تم کتابِ (خدا) کے بعض احکام کو تو مانتے ہو اور بعض سے انکار کئے دیتے ہو، تو جو تم میں سے ایسی حرکت کریں، ان کی سزا اس کے سوا اور کیا ہو سکتی ہے کہ دنیا کی زندگی میں تو رسوائی ہو اور قیامت کے دن سخت سے سخت عذاب میں ڈال دیئے جائیں اور جو کام تم کرتے ہو، خدا ان سے غافل نہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(2:85) But inspite of this, you are killing your brethren and driving them out from their homes and making unjust and aggressive alliances against one another. And when they come to you as captives, you trade on their ransoms whereas their expulsion itself was unlawful for you. Do you then believe in one part of the Scriptures and disbelieve in the other? *92 What other punishment do such people from among you deserve except an ignominious life in this world and the most grievous doom on the Day of Resurrection? Allah is not unaware of what you are doing.
Then, you are those [same ones who are] killing one another and meaning
*92). Before the advent of the Prophet (peace be on him) the Jewish tribes who lived on the outskirts of Madina had concluded an alliance with the Arab tribes of Aws and Khazraj. When the Arab tribes fought against one another each Jewish tribe fought on the side of its allies, which led to fratricide and so to a flagrant violation of the Book of God. Moreover, when the war ended the captives were ransomed. This ransom was justified on the basis of scriptural arguments; they extolled the Word of God when it permitted the ransom of prisoners of war, but attached no significance at all to the same Word of God when it prohibited mutual feuding.
phonetic Transliteration
Thumma antum haolai taqtuloona anfusakum watukhrijoona fareeqan minkum min diyarihim tathaharoona AAalayhim bialithmi waalAAudwani wain yatookum osara tufadoohum wahuwa muharramun AAalaykum ikhrajuhum afatuminoona bibaAAdi alkitabi watakfuroona bibaAAdin fama jazao man yafAAalu thalika minkum illa khizyun fee alhayati alddunya wayawma alqiyamati yuraddoona ila ashaddi alAAathabi wama Allahu bighafilin AAamma taAAmaloona
English - Sahih International
Then, you are those [same ones who are] killing one another and evicting a party of your people from their homes, cooperating against them in sin and aggression. And if they come to you as captives, you ransom them, although their eviction was forbidden to you. So do you believe in part of the Scripture and disbelieve in part? Then what is the recompense for those who do that among you except disgrace in worldly life; and on the Day of Resurrection they will be sent back to the severest of punishment. And Allah is not unaware of what you do.
Quran Bangla tarjuma
অতঃপর তোমরাই পরস্পর খুনাখুনি করছ এবং তোমাদেরই একদলকে তাদের দেশ থেকে বহিস্কার করছ। তাদের বিরুদ্ধে পাপ ও অন্যায়ের মাধ্যমে আক্রমণ করছ। আর যদি তারাই কারও বন্দী হয়ে তোমাদের কাছে আসে, তবে বিনিময় নিয়ে তাদের মুক্ত করছ। অথচ তাদের বহিস্কার করাও তোমাদের জন্য অবৈধ। তবে কি তোমরা গ্রন্থের কিয়দংশ বিশ্বাস কর এবং কিয়দংশ অবিশ্বাস কর? যারা এরূপ করে পার্থিব জীবনে দূগর্তি ছাড়া তাদের আর কোনই পথ নেই। কিয়ামতের দিন তাদের কঠোরতম শাস্তির দিকে পৌঁছে দেয়া হবে। আল্লাহ তোমাদের কাজ-কর্ম সম্পর্কে বে-খবর নন।
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Ayats from Quran in Hindi
- और जो शख्स कोई गुनाह करता है तो उससे कुछ अपना ही नुक़सान करता है
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- (कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक
- ये वह लोग हैं जो नज़रें पूरी करते हैं और उस दिन से जिनकी सख्ती
- इसका वायदा तो हमसे और हमसे पहले हमारे बाप दादाओं से भी (बार हा) किया
- और हम बस एक मुअय्युन मुद्दत तक इसमें देर कर रहे है
- तो (उससे कहा जाएगा कि) तुम पर दाहिने हाथ वालों की तरफ़ से सलाम हो
- मूसा ने कहा (वही ख़ुदा जो कि) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे बाप दादाओं का परवरदिगार
- ऐ ईमानदारों अगर तुम्हारे माँ बाप और तुम्हारे (बहन) भाई ईमान के मुक़ाबले कुफ़्र को
- (ऐ रसूल) तुमसे लोग क़यामत के बारे में पूछा करते हैं कि कहीं उसका कोई
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