Surah Al Imran Ayat 85 Tafseer in Hindi
﴿وَمَن يَبْتَغِ غَيْرَ الْإِسْلَامِ دِينًا فَلَن يُقْبَلَ مِنْهُ وَهُوَ فِي الْآخِرَةِ مِنَ الْخَاسِرِينَ﴾
[ آل عمران: 85]
और हम तो उसी (यकता ख़ुदा) के फ़रमाबरदार हैं और जो शख्स इस्लाम के सिवा किसी और दीन की ख्वाहिश करे तो उसका वह दीन हरगिज़ कुबूल ही न किया जाएगा और वह आख़िरत में सख्त घाटे में रहेगा
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 85 translate in arabic
ومن يبتغ غير الإسلام دينا فلن يقبل منه وهو في الآخرة من الخاسرين
سورة: آل عمران - آية: ( 85 ) - جزء: ( 3 ) - صفحة: ( 61 )Surah Al Imran Ayat 85 meaning in Hindi
जो इस्लाम के अतिरिक्त कोई और दीन (धर्म) तलब करेगा तो उसकी ओर से कुछ भी स्वीकार न किया जाएगा। और आख़िरत में वह घाटा उठानेवालों में से होगा
Quran Urdu translation
اور جو شخص اسلام کے سوا کسی اور دین کا طالب ہوگا وہ اس سے ہرگز قبول نہیں کیا جائے گا اور ایسا شخص آخرت میں نقصان اٹھانے والوں میں ہوگا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:85) And whoever seeks a way other than this way a submission (Islam), will find that it will not be accepted from him and in the Life to come he will be among the losers.
And whoever desires other than Islam as religion - never will it meaning
phonetic Transliteration
Waman yabtaghi ghayra alislami deenan falan yuqbala minhu wahuwa fee alakhirati mina alkhasireena
English - Sahih International
And whoever desires other than Islam as religion - never will it be accepted from him, and he, in the Hereafter, will be among the losers.
Quran Bangla tarjuma
যে লোক ইসলাম ছাড়া অন্য কোন ধর্ম তালাশ করে, কস্মিণকালেও তা গ্রহণ করা হবে না এবং আখেরাতে সে ক্ষতি গ্রস্ত।
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