Surah Maidah Ayat 93 Tafseer in Hindi
﴿لَيْسَ عَلَى الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ جُنَاحٌ فِيمَا طَعِمُوا إِذَا مَا اتَّقَوا وَّآمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ ثُمَّ اتَّقَوا وَّآمَنُوا ثُمَّ اتَّقَوا وَّأَحْسَنُوا ۗ وَاللَّهُ يُحِبُّ الْمُحْسِنِينَ﴾
[ المائدة: 93]
(फिर करो चाहे न करो तुम मुख़तार हो) जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए हैं उन पर जो कुछ खा (पी) चुके उसमें कुछ गुनाह नहीं जब उन्होंने परहेज़गारी की और ईमान ले आए और अच्छे (अच्छे) काम किए फिर परहेज़गारी की और नेकियाँ कीं और ख़ुदा नेकी करने वालों को दोस्त रखता है
Surah Al-Maidah Hindi62. आयत का भावार्थ यह है कि जिन्होंने वर्जित चीज़ों का निषेधाज्ञा से पहले प्रयोग किया, फिर जब भी उनको निषिद्ध किया गया तो उनसे रुक गए, उनपर कोई दोष नहीं। सह़ीह़ ह़दीस में है कि जब शराब वर्जित की गई, तो कुछ लोगों ने कहा कि कुछ लोग इस स्थिति में मर गए कि वे शराब पीते थे। उसी पर यह आयत उतरी। (बुख़ारी : 4620) आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : जो भी नशा लाए, वह मदिरा और अवैध है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 2003) और इस्लाम में उसका दंड अस्सी कोड़े हैं। (बुख़ारी : 6779)
Surah Maidah Verse 93 translate in arabic
ليس على الذين آمنوا وعملوا الصالحات جناح فيما طعموا إذا ما اتقوا وآمنوا وعملوا الصالحات ثم اتقوا وآمنوا ثم اتقوا وأحسنوا والله يحب المحسنين
سورة: المائدة - آية: ( 93 ) - جزء: ( 7 ) - صفحة: ( 123 )Surah Maidah Ayat 93 meaning in Hindi
जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे पहले जो कुछ खा-पी चुके उसके लिए उनपर कोई गुनाह नहीं; जबकि वे डर रखें और ईमान पर क़ायम रहें और अच्छे कर्म करें। फिर डर रखें और ईमान लाए, फिर डर रखे और अच्छे से अच्छा कर्म करें। अल्लाह सत्कर्मियों से प्रेम करता है
Quran Urdu translation
جو لوگ ایمان لائے اور نیک کام کرتے رہے ان پر ان چیزوں کا کچھ گناہ نہیں جو وہ کھا چکے جب کہ انہوں نے پرہیز کیا اور ایمان لائے اور نیک کام کیے پھر پرہیز کیا اور ایمان لائے پھر پرہیز کیا اور نیکو کاری کی اور خدا نیکو کاروں کو دوست رکھتا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:93) There will be no blame on those who believe and do righteous deeds for whatever they might have partaken (in the past) as long as they refrain from things prohibited, and persist in their belief and do righteous deeds, and continue to refrain from whatever is forbidden and submit to divine commandments, and persevere in doing good, fearing Allah. Allah loves those who do good.
There is not upon those who believe and do righteousness [any] blame meaning
phonetic Transliteration
Laysa AAala allatheena amanoo waAAamiloo alssalihati junahun feema taAAimoo itha ma ittaqaw waamanoo waAAamiloo alssalihati thumma ittaqaw waamanoo thumma ittaqaw waahsanoo waAllahu yuhibbu almuhsineena
English - Sahih International
There is not upon those who believe and do righteousness [any] blame concerning what they have eaten [in the past] if they [now] fear Allah and believe and do righteous deeds, and then fear Allah and believe, and then fear Allah and do good; and Allah loves the doers of good.
Quran Bangla tarjuma
যারা বিশ্বাস স্থাপন করেছে এবং সৎকর্ম করেছে, তারা পূর্বে যা ভক্ষণ করেছে, সে জন্য তাদের কোন গোনাহ নেই যখন ভবিষ্যতের জন্যে সংযত হয়েছে, বিশ্বাস স্থাপন করেছে এবং সৎকর্ম সম্পাদন করেছে। এরপর সংযত থাকে এবং বিশ্বাস স্থাপন করে। এরপর সংযত থাকে এবং সৎকর্ম করে। আল্লাহ সৎকর্মীদেরকে ভালবাসেন।
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Ayats from Quran in Hindi
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- और अगर तुम्हारा परवरदिगार चाहता तो बेशक तमाम लोगों को एक ही (किस्म की) उम्मत
- (ऐ रसूल) ज़रा देखो तो कि इन लोगों ने तुम्हारे वास्ते कैसी कैसी फबत्तियां गढ़ी
- और वह लोग कहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी तो बस दुनिया ही की है (यहीं)
- और ख़ुदा तो सब तदबीरकरने वालों से बेहतर है और जब उनके सामने हमारी आयते
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- (ऐ रसूल) क्या तुमने अपने परवरदिगार की कुदरत की तरफ नज़र नहीं की कि उसने
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- और (जो) तुम्हारा परवरदिगार और तुम्हारे अगले बाप दादाओं का (भी) परवरदिगार है
- और अगर उसको कोई तकलीफ पहुँच जाने के बाद हम उसको अपनी रहमत का मज़ा
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