Surah Sajdah Ayat 1 Tafseer in Hindi
Surah Sajdah Verse 1 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और अगर हम चाहें तो उनकी ऑंखों पर झाडू फेर दें तो ये लोग राह
- जिसको सुलेमान के ज़माने की सलतनत में शयातीन जपा करते थे हालाँकि सुलेमान ने कुफ्र
- जो लोग इसके क़ायल हैं कि ख़ुदा तीन में का (तीसरा) है वह यक़ीनन काफ़िर
- (और) आपस में चुपके-चुपके कहते होंगे कि (दुनिया या क़ब्र में) हम लोग (बहुत से
- और शैतान का उन लोगों पर कुछ क़ाबू तो था नहीं मगर ये (मतलब था)
- क्या ख़ुदा अपने बन्दों (की मदद) के लिए काफ़ी नहीं है (ज़रूर है) और (ऐ
- (तो) उनकी क़ौम के चन्द सरदार जो काफिर थे कहने लगे हम तो बेशक तुमको
- भला तुम्हारा पैदा करना ज्यादा मुश्किल है या आसमान का
- और वही तो है जो अपने बन्दों की तौबा क़ुबूल करता है और गुनाहों को
- जिसने रसूल की इताअत की तो उसने ख़ुदा की इताअत की और जिसने रूगरदानी की
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