Surah Ibrahim Ayat 31 Tafseer in Hindi
﴿قُل لِّعِبَادِيَ الَّذِينَ آمَنُوا يُقِيمُوا الصَّلَاةَ وَيُنفِقُوا مِمَّا رَزَقْنَاهُمْ سِرًّا وَعَلَانِيَةً مِّن قَبْلِ أَن يَأْتِيَ يَوْمٌ لَّا بَيْعٌ فِيهِ وَلَا خِلَالٌ﴾
[ إبراهيم: 31]
(ऐ रसूल) मेरे वह बन्दे जो ईमान ला चुके उन से कह दो कि पाबन्दी से नमाज़ पढ़ा करें और जो कुछ हमने उन्हें रोज़ी दी है उसमें से (ख़ुदा की राह में) छिपाकर या दिखा कर ख़र्च किया करे उस दिन (क़यामत) के आने से पहल जिसमें न तो (ख़रीदो) फरोख्त ही (काम आएगी) न दोस्ती मोहब्बत काम (आएगी)
Surah Ibrahim Hindi
Surah Ibrahim Verse 31 translate in arabic
قل لعبادي الذين آمنوا يقيموا الصلاة وينفقوا مما رزقناهم سرا وعلانية من قبل أن يأتي يوم لا بيع فيه ولا خلال
سورة: إبراهيم - آية: ( 31 ) - جزء: ( 13 ) - صفحة: ( 259 )Surah Ibrahim Ayat 31 meaning in Hindi
मेरे जो बन्दे ईमान लाए है उनसे कह दो कि वे नमाज़ की पाबन्दी करें और हमने उन्हें जो कुछ दिया है उसमें से छुपे और खुले ख़र्च करें, इससे पहले कि वह दिन आ जाए जिनमें न कोई क्रय-विक्रय होगा और न मैत्री
Quran Urdu translation
(اے پیغمبر) میرے مومن بندوں سے کہہ دو کہ نماز پڑھا کریں اور اس دن کے آنے سے پیشتر جس میں نہ (اعمال کا) سودا ہوگا اور نہ دوستی (کام آئے گی) ہمارے دیئے ہوئے مال میں سے درپردہ اور ظاہر خرچ کرتے رہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(14:31) O Prophet! tell My servants who have believed, to establish Salat, and expend openly and secretly (on good works) out of what We have given them *41 before that Day comes when there shall be no buying and selling and no friendly help. *42
[O Muhammad], tell My servants who have believed to establish prayer and meaning
*41) That is, "The believers should adopt an attitude of gratitude in contrast to the disbelievers (v. 29). The practical form their gratitude should take is that they should establish Salat and expend their wealth in the Way of Allah" .
*42) That is, "On that Day none shall be able to rescue himself either by ransom or by intercession".
phonetic Transliteration
Qul liAAibadiya allatheena amanoo yuqeemoo alssalata wayunfiqoo mimma razaqnahum sirran waAAalaniyatan min qabli an yatiya yawmun la bayAAun feehi wala khilalun
English - Sahih International
[O Muhammad], tell My servants who have believed to establish prayer and spend from what We have provided them, secretly and publicly, before a Day comes in which there will be no exchange, nor any friendships.
Quran Bangla tarjuma
আমার বান্দাদেরকে বলে দিন যারা বিশ্বাস স্থাপন করেছে, তারা নামায কায়েম রাখুক এবং আমার দেয়া রিযিক থেকে গোপনে ও প্রকাশ্যে ব্যয় করুক ঐদিন আসার আগে, যেদিন কোন বেচা কেনা নেই এবং বন্ধুত্বও নেই।
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Ayats from Quran in Hindi
- ये बात बस उन्हीं लोगों को हासिल हुईहै जो सब्र करने वाले हैं और उन्हीं
- तो ख़ुदा ने उसे दुनिया और आख़ेरत (दोनों) के अज़ाब में गिरफ्तार किया
- और उस दिन की जिसका वायदा किया गया है
- और यतीमों को कारोबार में लगाए रहो यहॉ तक के ब्याहने के क़ाबिल हों फिर
- और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार यक़ीनन (हर चीज़ पर) ग़ालिब (और) मेहरबान है
- ख़ुदा ने तो ईमानदारों पर बड़ा एहसान किया कि उनके वास्ते उन्हीं की क़ौम का
- ं(नेको कारों को) ख़़ुशख़बरी देने वाली और (बदकारों को) डराने वाली है इस पर भी
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- फिर जिन (के नेकियों) के पल्लें भारी होगें तो यही लोग कामयाब होंगे
- और (ऐ रसूल) वह वाकेया भी याद करो जब इबराहीम ने (खुदा से) दरख्वास्त की
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