Surah An Naba Ayat 32 Tafseer in Hindi
﴿حَدَائِقَ وَأَعْنَابًا﴾
[ النبأ: 32]
(यानि बेहश्त के) बाग़ और अंगूर
Surah An-Naba Hindi
Surah An Naba Verse 32 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- लोगों ने कहा तो अच्छा उसको सब लोगों के सामने (गिरफ्तार करके) ले आओ ताकि
- और जिन्हें तुम ख़ुदा का शरीक बताते हो मै उन से क्यों डरुँ जब तुम
- ऐ ईमानदारों (दीन की तकलीफ़ों को) और दूसरों को बर्दाश्त की तालीम दो और (जिहाद
- ताकि हक़ को (हक़) साबित कर दे और बातिल का मटियामेट कर दे अगर चे
- और कहते हैं कि ये तो बस खुला हुआ जादू है
- कि तुम लोग किसकी इबादत करते हो तो वह बोले हम बुतों की इबादत करते
- ये लोग भी उनके पीछे दौड़े चले जा रहे हैं
- कि मै भी उस पर चलँ फिर अगर ये लोग (इस पर भी) न मानें
- और बड़े बड़े महल तामीर करते हो गोया तुम हमेशा (यहीं) रहोगे
- (और जब आदम को) ये हुक्म दिया था कि यहाँ से उतर पड़ो (तो भी
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