Surah Ibrahim Ayat 34 Tafseer in Hindi
﴿وَآتَاكُم مِّن كُلِّ مَا سَأَلْتُمُوهُ ۚ وَإِن تَعُدُّوا نِعْمَتَ اللَّهِ لَا تُحْصُوهَا ۗ إِنَّ الْإِنسَانَ لَظَلُومٌ كَفَّارٌ﴾
[ إبراهيم: 34]
(और अपनी ज़रुरत के मुवाफिक) जो कुछ तुमने उससे माँगा उसमें से (तुम्हारी ज़रूरत भर) तुम्हे दिया और तुम ख़ुदा की नेमतो गिनती करना चाहते हो तो गिन नहीं सकते हो तू बड़ा बे इन्साफ नाशुक्रा है
Surah Ibrahim Hindi15. अर्थात तुम्हारी प्रत्येक प्राकृतिक माँग पूरी की, और तुम्हारे जीवन की आवश्यक्ता के सभी संसाधनों की व्यवस्था कर दी।
Surah Ibrahim Verse 34 translate in arabic
وآتاكم من كل ما سألتموه وإن تعدوا نعمة الله لا تحصوها إن الإنسان لظلوم كفار
سورة: إبراهيم - آية: ( 34 ) - جزء: ( 13 ) - صفحة: ( 260 )Surah Ibrahim Ayat 34 meaning in Hindi
और हर उस चीज़ में से तुम्हें दिया जो तुमने उससे माँगा यदि तुम अल्लाह की नेमतों की गणना नहीं कर सकते। वास्तव में मनुष्य ही बड़ा ही अन्यायी, कृतघ्न है
Quran Urdu translation
اور جو کچھ تم نے مانگا سب میں سے تم کو عنایت کیا۔ اور اگر خدا کے احسان گننے لگو تو شمار نہ کرسکو۔ (مگر لوگ نعمتوں کا شکر نہیں کرتے) کچھ شک نہیں کہ انسان بڑا بےانصاف اور ناشکرا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(14:34) It is He Who fulfilled all your requirements ; *45 so much so that you cannot count His bounties, if you tried to number them. The fact is that man is very unjust and ungrateful.
And He gave you from all you asked of Him. And if meaning
*45) "He fulfilled all your requirements" : He has provided for everything that is required for your life, its development and evolution.
phonetic Transliteration
Waatakum min kulli ma saaltumoohu wain taAAuddoo niAAmata Allahi la tuhsooha inna alinsana lathaloomun kaffarun
English - Sahih International
And He gave you from all you asked of Him. And if you should count the favor of Allah, you could not enumerate them. Indeed, mankind is [generally] most unjust and ungrateful.
Quran Bangla tarjuma
যে সকল বস্তু তোমরা চেয়েছ, তার প্রত্যেকটি থেকেই তিনি তোমাদেরকে দিয়েছেন। যদি আল্লাহর নেয়ামত গণনা কর, তবে গুণে শেষ করতে পারবে না। নিশ্চয় মানুষ অত্যন্ত অন্যায়কারী, অকৃতজ্ঞ।
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