Surah Naziat Ayat 37 Tafseer in Hindi
﴿فَأَمَّا مَن طَغَىٰ﴾
[ النازعات: 37]
तो जिसने (दुनिया में) सर उठाया था
Surah An-Naziat Hindi
Surah Naziat Verse 37 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ज़रा रुए ज़मीन पर चल फिरकर देखो तो कि
- और ऐ अहले मक्का तुम लोग भी उन पर से (कभी) सुबह को और (कभी)
- उस दिन किसी की सिफ़ारिश काम न आएगी मगर जिसको खुदा ने इजाज़त दी हो
- और जिन औरतों को ताअय्युन मेहर और हाथ लगाए बगैर तलाक़ दे दी जाए उनके
- और कोई बस्ती नहीं है मगर रोज़ क़यामत से पहले हम उसे तबाह व बरबाद
- उसके फल ऐसे (बदनुमा) हैं गोया (हू बहू) साँप के फन जिसे छूते दिल डरे
- तो ये लोग भी उन्हें सज़ाओं के मुन्तिज़र (इन्तजार में) हैं जो उनसे क़ब्ल (पहले)
- मगर इन्शा अल्लाह कह कर और अगर (इन्शा अल्लाह कहना) भूल जाओ तो (जब याद
- मूसा ने कहा वही तो वह (जगह) है जिसकी हम जुस्तजू (तलाश) में थे फिर
- (ये) ताकि हम तुमको अपनी (कुदरत की) बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखाएँ
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