Surah Naziat Ayat 37 Tafseer in Hindi
﴿فَأَمَّا مَن طَغَىٰ﴾
[ النازعات: 37]
तो जिसने (दुनिया में) सर उठाया था
Surah An-Naziat Hindi
Surah Naziat Verse 37 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- फिर उनसे पूछा जाएगा कि ख़ुदा के सिवा जिनको (उसका) शरीक बनाते थे
- और (याद रखो कि) अगर ख़ुदा की तरफ से तुम्हें कोई बुराई छू भी गई
- मैने न तो आसमान व ज़मीन के पैदा करने के वक्त उनको (मदद के लिए)
- क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर)
- फिर जब वह तुमसे तकलीफ को दूर कर देता है तो बस फौरन तुममें से
- कि जब सदमें के मारे चाहेंगे कि दोज़ख़ से निकल भागें तो (ग़ुर्ज मार के)
- और वह बहुत कुछ माफ़ करता है और जो लोग हमारी निशानियों में (ख्वाहमाख्वाह) झगड़ा
- (यहूदी ईसाई मुसलमानों से) कहते हैं कि यहूद या नसरानी हो जाओ तो राहे रास्त
- और इसमें शक़ नहीं कि हम ही (लोगों को) जिलाते और हम ही मार डालते
- और जब (पहली बार) सूर फँका जाएगा तो जो लोग आसमानों में हैं और जो
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