Surah An Nur Ayat 6 Tafseer in Hindi
﴿وَالَّذِينَ يَرْمُونَ أَزْوَاجَهُمْ وَلَمْ يَكُن لَّهُمْ شُهَدَاءُ إِلَّا أَنفُسُهُمْ فَشَهَادَةُ أَحَدِهِمْ أَرْبَعُ شَهَادَاتٍ بِاللَّهِ ۙ إِنَّهُ لَمِنَ الصَّادِقِينَ﴾
[ النور: 6]
और जो लोग अपनी बीवियों पर (ज़िना) का ऐब लगाएँ और (इसके सुबूत में) अपने सिवा उनका कोई गवाह न हो तो ऐसे लोगों में से एक की गवाही चार मरतबा इस तरह होगी कि वह (हर मरतबा) ख़ुदा की क़सम खाकर बयान करे कि वह (अपने दावे में) जरुर सच्चा है
Surah An-Nur Hindi7. अर्थात चार गवाह। 8. अर्थात आरोप लगाने में।
Surah An Nur Verse 6 translate in arabic
والذين يرمون أزواجهم ولم يكن لهم شهداء إلا أنفسهم فشهادة أحدهم أربع شهادات بالله إنه لمن الصادقين
سورة: النور - آية: ( 6 ) - جزء: ( 18 ) - صفحة: ( 350 )Surah An Nur Ayat 6 meaning in Hindi
औऱ जो लोग अपनी पत्नियों पर दोषारोपण करें औऱ उनके पास स्वयं के सिवा गवाह मौजूद न हों, तो उनमें से एक (अर्थात पति) चार बार अल्लाह की क़सम खाकर यह गवाही दे कि वह बिलकुल सच्चा है
Quran Urdu translation
اور جو لوگ اپنی عورتوں پر بدکاری کی تہمت لگائیں اور خود ان کے سوا ان کے گواہ نہ ہوں تو ہر ایک کی شہادت یہ ہے کہ پہلے تو چار بار خدا کی قسم کھائے کہ بےشک وہ سچا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(24:6) As for those who accuse their own wives but have no witness except themselves, the evidence of one of them is that he shall swear four times by Allah and declare that he is true (in his charge).
And those who accuse their wives [of adultery] and have no witnesses meaning
phonetic Transliteration
Waallatheena yarmoona azwajahum walam yakun lahum shuhadao illa anfusuhum fashahadatu ahadihim arbaAAu shahadatin biAllahi innahu lamina alssadiqeena
English - Sahih International
And those who accuse their wives [of adultery] and have no witnesses except themselves - then the witness of one of them [shall be] four testimonies [swearing] by Allah that indeed, he is of the truthful.
Quran Bangla tarjuma
এবং যারা তাদের স্ত্রীদের প্রতি অপবাদ আরোপ করে এবং তারা নিজেরা ছাড়া তাদের কোন সাক্ষী নেই, এরূপ ব্যক্তির সাক্ষ্য এভাবে হবে যে, সে আল্লাহর কসম খেয়ে চারবার সাক্ষ্য দেবে যে, সে অবশ্যই সত্যবাদী।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और मूसा ने अर्ज़ की ऐ हमारे पालने वाले तूने फिरऔन और उसके सरदारों को
- कि (सारी खुदायी में) इबराहीम पर सलाम (ही सलाम) हैं
- और कुफ्फार कहने लगे कि क्या जब हम और हमारे बाप दादा (सड़ गल कर)
- और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है
- और फिरऔन कहने लगा मुझे छोड़ दो कि मैं मूसा को तो क़त्ल कर डालूँ,
- और (हैरान होकर) कहेगें हाए अफसोस हम तो पहले सो रहे थे हमें ख्वाबगाह से
- ऐ ईमानदारों ख़ुदा ने जो एहसानात तुमपर किए हैं उनको याद करो और ख़ूसूसन जब
- (ऐ रसूल) हमने तुमको तमाम (दुनिया के) लोगों के लिए (नेकों को बेहश्त की) खुशखबरी
- क्या उनकी अक्लें उन्हें ये (बातें) बताती हैं या ये लोग हैं ही सरकश
- इस बात से कि उन लोगों ने खुदा के लिए बेटा क़रार दिया
Quran surahs in Hindi :
Download surah An Nur with the voice of the most famous Quran reciters :
surah An Nur mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter An Nur Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers