Surah Luqman Ayat 1 Tafseer in Hindi
Surah Luqman Verse 1 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल) तुम (कहीं) काफिरों और मुनाफिक़ों की इताअत न करना और उनकी ईज़ारसानी
- ऐ ईमानदारों अगर तुम ख़ुदा (के दीन) की मदद करोगे तो वह भी तुम्हारी मदद
- सारे आसमान व ज़मीन और जो कुछ उनमें है सब ख़ुदा ही की सल्तनत है
- तो रोज़े क़यामत तक मछली के पेट में रहते
- और ये कि जैसा तुम्हारा ख्याल है वैसा उनका भी एतक़ाद था कि ख़ुदा हरगिज़
- और (इस वजह से) पूरी महारत और तकलीफ के साथ पहाड़ों को काट काट कर
- और तुमको तंगदस्त देखकर ग़नी कर दिया
- और जिन लोगों ने हमारी आयतों (के झुठलाने में हमारे) आजिज़ करने के वास्ते कोशिश
- और हमने तो लोगों (के समझाने) के वास्ते इस क़ुरान में हर क़िस्म की मसलें
- और वह दिन याद करो जिस दिन हम हर एक गिरोह में से उन्हीं में
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