Surah Tariq Ayat 12 Tafseer in Hindi
﴿وَالْأَرْضِ ذَاتِ الصَّدْعِ﴾
[ الطارق: 12]
और फटने वाली (ज़मीन की क़सम)
Surah At-Tariq Hindi
Surah Tariq Verse 12 translate in arabic
Surah Tariq Ayat 12 meaning in Hindi
और फट जानेवाली धरती
Quran Urdu translation
اور زمین کی قسم جو پھٹ جاتی ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(86:12) and by the earth ever bursting with verdure,
And [by] the earth which cracks open, meaning
Ayats from Quran in Hindi
- ये लोग दोज़ख़ और हद दरजा खौलते हुए पानी के दरमियान (बेक़रार दौड़ते) चक्कर लगाते
- तो क्या इन लोगों ने अपने ऊपर आसमान की नज़र नहीं की कि हमने उसको
- इन लोगों का हिसाब तो मेरे परवरदिगार के ज़िम्मे है
- फिर उनके पीछे ही उनके क़दम ब क़दम अपने और पैग़म्बर भेजे और उनके पीछे
- और (ऐ रसूल) लूत को (याद करो) जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा कि क्या
- जो लोग ख़ुदा और उसके रसूल से मुख़ालेफ़त करते हैं वह सब ज़लील लोगों में
- या वह अज़ाब से डरते हो तो (उसी हालत में) धर पकड़ करे इसमें तो
- (बस) फिर उसके बाद एक साल आएगा जिसमें लोगों के लिए खूब मेंह बरसेगी (और
- (ऐ रसूल) तुम बिलाशक यक़ीनी पैग़म्बरों में से हो
- भला देखो तो कि अगर उसने (सच्चे को) झुठला दिया और (उसने) मुँह फेरा
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