Surah Anam Ayat 119 Tafseer in Hindi
﴿وَمَا لَكُمْ أَلَّا تَأْكُلُوا مِمَّا ذُكِرَ اسْمُ اللَّهِ عَلَيْهِ وَقَدْ فَصَّلَ لَكُم مَّا حَرَّمَ عَلَيْكُمْ إِلَّا مَا اضْطُرِرْتُمْ إِلَيْهِ ۗ وَإِنَّ كَثِيرًا لَّيُضِلُّونَ بِأَهْوَائِهِم بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ أَعْلَمُ بِالْمُعْتَدِينَ﴾
[ الأنعام: 119]
और तुम्हें क्या हो गया है कि जिस पर ख़ुदा का नाम लिया गया हो उसमें नहीं खाते हो हालॉकि जो चीज़ें उसने तुम पर हराम कर दीं हैं वह तुमसे तफसीलन बयान कर दीं हैं मगर (हाँ) जब तुम मजबूर हो तो अलबत्ता (हराम भी खा सकते हो) और बहुतेरे तो (ख्वाहमख्वाह) अपनी नफसानी ख्वाहिशों से बे समझे बूझे (लोगों को) बहका देते हैं और तुम्हारा परवरदिगार तो हक़ से तजाविज़ करने वालों से ख़ूब वाक़िफ है
Surah Al-Anam Hindi75. अर्थात उन पशुओं को खाने में कोई हर्ज नहीं, जो मुसलसानों की दुकानों में मिलते हैं। क्योंकि कोई मुसलमान अल्लाह का नाम लिए बिना वध नहीं करता। और यदि शंका हो, तो खाते समय बिस्मिल्लाह कह ले। जैसा कि ह़दीस शरीफ़ में आया है। (देखिए : बुख़ारी : 5507) 76. अर्थात उस वर्जित को प्राण रक्षा के लिए खाना उचित है।
Surah Anam Verse 119 translate in arabic
وما لكم ألا تأكلوا مما ذكر اسم الله عليه وقد فصل لكم ما حرم عليكم إلا ما اضطررتم إليه وإن كثيرا ليضلون بأهوائهم بغير علم إن ربك هو أعلم بالمعتدين
سورة: الأنعام - آية: ( 119 ) - جزء: ( 8 ) - صفحة: ( 143 )Surah Anam Ayat 119 meaning in Hindi
और क्या आपत्ति है कि तुम उसे न खाओ, जिसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, बल्कि जो कुछ चीज़े उसने तुम्हारे लिए हराम कर दी है, उनको उसने विस्तारपूर्वक तुम्हे बता दिया है। यह और बात है कि उसके लिए कभी तुम्हें विवश होना पड़े। परन्तु अधिकतर लोग तो ज्ञान के बिना केवल अपनी इच्छाओं (ग़लत विचारों) के द्वारा पथभ्रष्टो करते रहते है। निस्सन्देह तुम्हारा रब मर्यादाहीन लोगों को भली-भाँति जानता है
Quran Urdu translation
اور سبب کیا ہے کہ جس چیز پر خدا کا نام لیا جائے تم اسے نہ کھاؤ حالانکہ جو چیزیں اس نے تمہارے لیے حرام ٹھیرا دی ہیں وہ ایک ایک کر کے بیان کر دی ہیں (بے شک ان کو نہیں کھانا چاہیے) مگر اس صورت میں کہ ان کے (کھانے کے) لیے ناچار ہو جاؤ اور بہت سے لوگ بےسمجھے بوجھے اپنے نفس کی خواہشوں سے لوگوں کو بہکا رہے ہیں کچھ شک نہیں کہ ایسے لوگوں کو جو (خدا کی مقرر کی ہوئی) حد سے باہر نکل جاتے ہیں تمہارا پروردگار خوب جانتا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(6:119) And how is it that you do not eat of that over which Allah's name has been pronounced even though He has clearly spelled out to you what He has forbidden you unless you are constrained to it? *85 Many indeed say misleading things without knowledge, driven merely by their lowly desires. But your Lord knows well the transgressors.
And why should you not eat of that upon which the name meaning
*85). See Surah al-Nahl 16:15. We may observe in passing that this allusion indirectly establishes that Surah al-Nahl was revealed before the present surah.
phonetic Transliteration
Wama lakum alla takuloo mimma thukira ismu Allahi AAalayhi waqad fassala lakum ma harrama AAalaykum illa ma idturirtum ilayhi wainna katheeran layudilloona biahwaihim bighayri AAilmin inna rabbaka huwa aAAlamu bialmuAAtadeena
English - Sahih International
And why should you not eat of that upon which the name of Allah has been mentioned while He has explained in detail to you what He has forbidden you, excepting that to which you are compelled. And indeed do many lead [others] astray through their [own] inclinations without knowledge. Indeed, your Lord - He is most knowing of the transgressors.
Quran Bangla tarjuma
কোন কারণে তোমরা এমন জন্তু থেকে ভক্ষণ করবে না, যার উপর আল্লাহর নাম উচ্চারিত হয়, অথচ আল্লাহ ঐ সব জন্তুর বিশদ বিবরণ দিয়েছেন, যেগুলোকে তোমাদের জন্যে হারাম করেছেন; কিন্তু সেগুলোও তোমাদের জন্যে হালাল, যখন তোমরা নিরুপায় হয়ে যাও। অনেক লোক স্বীয় ভ্রান্ত প্রবৃত্তি দ্বারা না জেনে বিপথগামী করতে থাকে। আপনার প্রতিপালক সীমাতিক্রম কারীদেরকে যথার্থই জানেন।
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Ayats from Quran in Hindi
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- फिर तो उन लोगों में (शामिल) हो जाता जो ईमान लाए और सब्र की नसीहत
- और जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाए और उनमें से किसी में
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