Surah Yusuf Ayat 53 Tafseer in Hindi
﴿۞ وَمَا أُبَرِّئُ نَفْسِي ۚ إِنَّ النَّفْسَ لَأَمَّارَةٌ بِالسُّوءِ إِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّي ۚ إِنَّ رَبِّي غَفُورٌ رَّحِيمٌ﴾
[ يوسف: 53]
और (यूं तो) मै भी अपने नफ्स को गुनाहो से बे लौस नहीं कहता हूँ क्योंकि (मैं भी बशर हूँ और नफ्स बराबर बुराई की तरफ उभारता ही है मगर जिस पर मेरा परवरदिगार रहम फरमाए (और गुनाह से बचाए)
Surah Yusuf Hindi
Surah Yusuf Verse 53 translate in arabic
وما أبرئ نفسي إن النفس لأمارة بالسوء إلا ما رحم ربي إن ربي غفور رحيم
سورة: يوسف - آية: ( 53 ) - جزء: ( 13 ) - صفحة: ( 242 )Surah Yusuf Ayat 53 meaning in Hindi
मैं यह नहीं कहता कि मैं बुरी हूँ - जी तो बुराई पर उभारता ही है - यदि मेरा रब ही दया करे तो बात और है। निश्चय ही मेरा रब बहुत क्षमाशील, दयावान है।"
Quran Urdu translation
اور میں اپنے تئیں پاک صاف نہیں کہتا کیونکہ نفس امارہ (انسان کو) برائی سکھاتا رہتا ہے۔ مگر یہ کہ میرا پروردگار رحم کرے گا۔ بےشک میرا پروردگار بخشنے والا مہربان ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(12:53) Yet I am not holding my soul to be immune from sin, for the soul incites to evil, except of the one on whom my Lord shows mercy. Indeed my Lord is Forgiving and Merciful. "
And I do not acquit myself. Indeed, the soul is a persistent meaning
phonetic Transliteration
Wama obarrio nafsee inna alnnafsa laammaratun bialssooi illa ma rahima rabbee inna rabbee ghafoorun raheemun
English - Sahih International
And I do not acquit myself. Indeed, the soul is a persistent enjoiner of evil, except those upon which my Lord has mercy. Indeed, my Lord is Forgiving and Merciful."
Quran Bangla tarjuma
আমি নিজেকে নির্দোষ বলি না। নিশ্চয় মানুষের মন মন্দ কর্মপ্রবণ কিন্তু সে নয়-আমার পালনকর্তা যার প্রতি অনুগ্রহ করেন। নিশ্চয় আমার পালনকর্তা ক্ষমাশীল, দয়ালু।
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