Surah Fajr Ayat 20 Tafseer in Hindi
﴿وَتُحِبُّونَ الْمَالَ حُبًّا جَمًّا﴾
[ الفجر: 20]
और माल को बहुत ही अज़ीज़ रखते हो
Surah Al-Fajr Hindi3. (15-20) इन आयतों में समाज की साधारण नैतिक स्थिति का सर्वेक्षण किया गया है, और भौतिकवादी विचार की आलोचना की गई है, जो मात्र सांसारिक धन और मान मर्यादा को सम्मान तथा अपमान का पैमाना समझता है और यह भूल गया है कि न धनी होना कोई पुरस्कार है और न निर्धन होना कोई दंड है। अल्लाह दोनों स्थितियों में मानवजाति की परीक्षा ले रहा है। फिर यह बात किसी के बस में हो तो दूसरे का धन भी हड़प कर जाए, क्या ऐसा करना कुकर्म नहीं जिसका ह़िसाब लिया जाना चाहिए?
Surah Fajr Verse 20 translate in arabic
Surah Fajr Ayat 20 meaning in Hindi
और धन से उत्कट प्रेम रखते हो
Quran Urdu translation
اور مال کو بہت ہی عزیز رکھتے ہو
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(89:20) and love the riches, loving them ardently. *14
And you love wealth with immense love. meaning
*14) That is, "You have no regard for the permissible or the forbidden, the lawful or the unlawful. You feel no qualms about acquiring wealth in any way or by any means, fair or foul, and your greed is never satisfied however much you may have acquired and amassed. "
Ayats from Quran in Hindi
- और नूह ने अर्ज़ की परवरदिगार (इन) काफ़िरों में रूए ज़मीन पर किसी को बसा
- तो (अहले कश्ती ने) कुरआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी
- (इनमें) बहुत से तो अगले लोगों में से
- और हमारी मख़लूक़ात से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दीने हक़ की हिदायत करते
- ग़रज़ फिरऔन ने (बातें बनाकर) अपनी क़ौम की अक़ल मार दी और वह लोग उसके
- (ऐ रसूल) तुम उनसे कह दो कि तुम लोगों के वास्ते एक ख़ास दिन की
- और क्या तुम उसको (वापस लोगे हालॉकि तुममें से) एक दूसरे के साथ ख़िलवत कर
- हरगिज़ नहीं बल्कि तुम लोग न यतीम की ख़ातिरदारी करते हो
- और खुदा ही ने तुम लोगों को (पहले पहल) मिट्टी से पैदा किया फिर नतफ़े
- (और उस दिन को याद रखो) जिस दिन हर शख्स जो कुछ उसने (दुनिया में)
Quran surahs in Hindi :
Download surah Fajr with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Fajr mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Fajr Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers