Surah Abasa Ayat 31 Tafseer in Hindi
﴿وَفَاكِهَةً وَأَبًّا﴾
[ عبس: 31]
और चारा (ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे
Surah Abasa Hindi
Surah Abasa Verse 31 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) क्या तुमने अपने परवरदिगार की कुदरत की तरफ नज़र नहीं की कि उसने
- लूत ने कहा अगर तुमको (ऐसा ही) करना है तो ये मेरी क़ौम की बेटियाँ
- तो (ऐ रसूल) तुम इनको इनकी हालत पर छोड़ दो यहाँ तक कि वह जिसमें
- और (हमने) मदयन (वालों के) पास उनके भाई शुएब को (रसूल बनाकर भेजा) तो उन्होंने
- जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो कहता है कि ये तो अगलों
- फ़िर उनकी क्या गत होगी जब हम उनको एक दिन (क़यामत) जिसके आने में कोई
- इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने
- उसी ने चरपायों को भी पैदा किया कि तुम्हारे लिए ऊन (ऊन की खाल और
- और जहन्नुम में दाखिल कर देना
- और हमने तो क़ुरान को नसीहत हासिल करने के वास्ते आसान कर दिया है तो
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