Surah Fussilat Ayat 22 Tafseer in Hindi

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Quran in Hindi Quran Kareem With Hindi Translation फ़ारूक़ ख़ान & नदवी Suhel Farooq Khan and Saifur Rahman Nadwi & Muhammad Farooq Khan and Muhammad Ahmed & English - Sahih International: surah Fussilat ayat 22 in arabic text.
  
   

﴿وَمَا كُنتُمْ تَسْتَتِرُونَ أَن يَشْهَدَ عَلَيْكُمْ سَمْعُكُمْ وَلَا أَبْصَارُكُمْ وَلَا جُلُودُكُمْ وَلَٰكِن ظَنَنتُمْ أَنَّ اللَّهَ لَا يَعْلَمُ كَثِيرًا مِّمَّا تَعْمَلُونَ﴾
[ فصلت: 22]

Ayat With Hindi Translation

और (तुम्हारी तो ये हालत थी कि) तुम लोग इस ख्याल से (अपने गुनाहों की) पर्दा दारी भी तो नहीं करते थे कि तुम्हारे कान और तुम्हारी ऑंखे और तुम्हारे आज़ा तुम्हारे बरख़िलाफ गवाही देंगे बल्कि तुम इस ख्याल मे (भूले हुए) थे कि ख़ुदा को तुम्हारे बहुत से कामों की ख़बर ही नहीं

Surah Fussilat Hindi

7. आदरणीय अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि ख़ाना काबा के पास एक घर में दो क़ुरैशी तथा एक सक़फ़ी अथवा दो सक़फ़ी और एक क़ुरैशी थे। तो एक ने दूसरे से कहा कि तुम समझते हो कि अल्लाह हमारी बातें सुन रहा है? किसी ने कहा : यदि कुछ सुनता है तो सब कुछ सुनता है। उसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4816, 4817, 7521)


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Surah Fussilat Verse 22 translate in arabic

» tafsir Tafheem-ul-Quran ,Maududi

وما كنتم تستترون أن يشهد عليكم سمعكم ولا أبصاركم ولا جلودكم ولكن ظننتم أن الله لا يعلم كثيرا مما تعملون

سورة: فصلت - آية: ( 22 )  - جزء: ( 24 )  -  صفحة: ( 479 )

Surah Fussilat Ayat 22 meaning in Hindi


तुम इस भय से छिपते न थे कि तुम्हारे कान तुम्हारे विरुद्ध गवाही देंगे, और न इसलिए कि तुम्हारी आँखें गवाही देंगी और न इस कारण से कि तुम्हारी खाले गवाही देंगी, बल्कि तुमने तो यह समझ रखा था कि अल्लाह तुम्हारे बहुत-से कामों को जानता ही नहीं


Quran Urdu translation

اور تم اس (بات کے خوف) سے تو پردہ نہیں کرتے تھے کہ تمہارے کان اور تمہاری آنکھیں اور چمڑے تمہارے خلاف شہادت دیں گے بلکہ تم یہ خیال کرتے تھے کہ خدا کو تمہارے بہت سے عملوں کی خبر ہی نہیں


Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi

(41:22) When you used to conceal yourselves (while committing misdeeds) you never thought that your ears or your eyes or your skins would ever bear witness against you; you rather fancied that Allah does not know a great deal of what you do.

And you were not covering yourselves, lest your hearing testify against you meaning


Ayats from Quran in Hindi

  1. वह लोग खुदा के यहॉ मुख्तलिफ़ दरजों के हैं और जो कुछ वह करते हैं
  2. ये ज्यादा क़रीन क़यास है कि इस तरह पर (आख़ेरत के डर से) ठीक ठीक
  3. और शैतान का उन लोगों पर कुछ क़ाबू तो था नहीं मगर ये (मतलब था)
  4. भला तुम में कोई भी इसको पसन्द करेगा कि उसके लिए खजूरों और अंगूरों का
  5. (अगर अब की छूटे) तो हम ज़रूर ऊपर आ जाएँगे फिर जब हमने उनसे अज़ाब
  6. जो लोग बातिल में पड़े खेल रहे हैं
  7. याक़ूब ने कहा (मै तुमसे कुछ नहीं कहता) मैं तो अपनी बेक़रारी व रंज की
  8. तलाक़ रजअई जिसके बाद रुजू हो सकती है दो ही मरतबा है उसके बाद या
  9. और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल
  10. सब तारीफ ख़ुदा ही को (सज़ावार) है जिसने बहुतेरे आसमान और ज़मीन को पैदा किया

Quran surahs in Hindi :

Al-Baqarah Al-'Imran An-Nisa'
Al-Ma'idah Yusuf Ibrahim
Al-Hijr Al-Kahf Maryam
Al-Hajj Al-Qasas Al-'Ankabut
As-Sajdah Ya Sin Ad-Dukhan
Al-Fath Al-Hujurat Qaf
An-Najm Ar-Rahman Al-Waqi'ah
Al-Hashr Al-Mulk Al-Haqqah
Al-Inshiqaq Al-A'la Al-Ghashiyah

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Abdul Basit
surah Fussilat Abdul Rashid Sufi
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surah Fussilat Abdullah Basfar
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surah Fussilat Fares Abbad
Fares Abbad
surah Fussilat Maher Al Muaiqly
Maher Al Muaiqly
surah Fussilat Muhammad Siddiq Al Minshawi
Al Minshawi
surah Fussilat Al Hosary
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surah Fussilat Al-afasi
Mishari Al-afasi
surah Fussilat Yasser Al Dosari
Yasser Al Dosari


Tuesday, December 3, 2024

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