Surah Nisa Ayat 108 Tafseer in Hindi
﴿يَسْتَخْفُونَ مِنَ النَّاسِ وَلَا يَسْتَخْفُونَ مِنَ اللَّهِ وَهُوَ مَعَهُمْ إِذْ يُبَيِّتُونَ مَا لَا يَرْضَىٰ مِنَ الْقَوْلِ ۚ وَكَانَ اللَّهُ بِمَا يَعْمَلُونَ مُحِيطًا﴾
[ النساء: 108]
लोगों से तो अपनी शरारत छुपाते हैं और (ख़ुदा से नहीं छुपा सकते) हालॉकि वह तो उस वक्त भी उनके साथ साथ है जब वह लोग रातों को (बैठकर) उन बातों के मशवरे करते हैं जिनसे ख़ुदा राज़ी नहीं और ख़ुदा तो उनकी सब करतूतों को (इल्म के अहाते में) घेरे हुए है
Surah An-Nisa Hindi72. आयत का भावार्थ यह है कि मुसलमानों को अपना सहधर्मी अथवा अपनी जाति या परिवार का होने के कारण किसी अपराधी का पक्षपात नहीं करना चाहिए। क्योंकि संसार न जाने, परंतु अल्लाह तो जानता है कि कौन अपराधी है, कौन नहीं।
Surah Nisa Verse 108 translate in arabic
يستخفون من الناس ولا يستخفون من الله وهو معهم إذ يبيتون ما لا يرضى من القول وكان الله بما يعملون محيطا
سورة: النساء - آية: ( 108 ) - جزء: ( 5 ) - صفحة: ( 96 )Surah Nisa Ayat 108 meaning in Hindi
वे लोगों से तो छिपते है, परन्तु अल्लाह से नहीं छिपते। वह तो (उस समय भी) उनके साथ होता है, जब वे रातों में उस बात की गुप्त-मंत्रणा करते है जो उनकी इच्छा के विरुद्ध होती है। जो कुछ वे करते है, वह अल्लाह (के ज्ञान) से आच्छदित है
Quran Urdu translation
یہ لوگوں سے تو چھپتے ہیں اور خدا سے نہیں چھپتے حالانکہ جب وہ راتوں کو ایسی باتوں کے مشورے کیا کرتے ہیں جن کو وہ پسند نہیں کرتا ان کے ساتھ ہوا کرتا ہے اور خدا ان کے (تمام) کاموں پر احاطہ کئے ہوئے ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(4:108) They can hide (their deeds) from men but they cannot hide (them) from Allah for He is with them even when they hold nightly counsels that are unpleasing to Allah. Allah encompasses all their doings.
They conceal [their evil intentions and deeds] from the people, but they meaning
phonetic Transliteration
Yastakhfoona mina alnnasi wala yastakhfoona mina Allahi wahuwa maAAahum ith yubayyitoona ma la yarda mina alqawli wakana Allahu bima yaAAmaloona muheetan
English - Sahih International
They conceal [their evil intentions and deeds] from the people, but they cannot conceal [them] from Allah, and He is with them [in His knowledge] when they spend the night in such as He does not accept of speech. And ever is Allah, of what they do, encompassing.
Quran Bangla tarjuma
তারা মানুষের কাছে লজ্জিত হয় এবং আল্লাহর কাছে লজ্জিত হয় না। তিনি তাদের সাথে রয়েছেন, যখন তারা রাত্রে এমন বিষয়ে পরামর্শ করে, যাতে আল্লাহ সম্মত নন। তারা যাকিছু করে, সবই আল্লাহর আয়ত্তাধীণ।
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