Surah TaHa Ayat 127 Tafseer in Hindi
﴿وَكَذَٰلِكَ نَجْزِي مَنْ أَسْرَفَ وَلَمْ يُؤْمِن بِآيَاتِ رَبِّهِ ۚ وَلَعَذَابُ الْآخِرَةِ أَشَدُّ وَأَبْقَىٰ﴾
[ طه: 127]
और जिसने (हद से) तजाविज़ किया और अपने परवरदिगार की आयतों पर ईमान न लाया उसको ऐसी ही बदला देगें और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी बहुत सख्त और बहुत देर पा है
Surah Ta-Ha Hindi
Surah TaHa Verse 127 translate in arabic
وكذلك نجزي من أسرف ولم يؤمن بآيات ربه ولعذاب الآخرة أشد وأبقى
سورة: طه - آية: ( 127 ) - جزء: ( 16 ) - صفحة: ( 321 )Surah TaHa Ayat 127 meaning in Hindi
इसी प्रकार हम उसे बदला देते है जो मर्यादा का उल्लंघन करे और अपने रब की आयतों पर ईमान न लाए। और आख़िरत की यातना तो अत्यन्त कठोर और अधिक स्थायी है
Quran Urdu translation
اور جو شخص حد سے نکل جائے اور اپنے پروردگار کی آیتوں پر ایمان نہ لائے ہم اس کو ایسا ہی بدلہ دیتے ہیں۔ اور آخرت کا عذاب بہت سخت اور بہت دیر رہنے والا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(20:127) -This is how We recompense (in this world) *108 those who transgress the bounds and do not believe in the Revelations of their Lord. And the torment of the Hereafter is more terrible and more lasting.
And thus do We recompense he who transgressed and did not believe meaning
*108) This refers to the "wretched life" which will be the lot of those who turn away from the "Admonition" in this worldly life.
phonetic Transliteration
Wakathalika najzee man asrafa walam yumin biayati rabbihi walaAAathabu alakhirati ashaddu waabqa
English - Sahih International
And thus do We recompense he who transgressed and did not believe in the signs of his Lord. And the punishment of the Hereafter is more severe and more enduring.
Quran Bangla tarjuma
এমনিভাবে আমি তাকে প্রতিফল দেব, যে সীমালঙ্ঘন করে এবং পালনকর্তার কথায় বিশ্বাস স্থাপন না করে। তার পরকালের শাস্তি কঠোরতর এবং অনেক স্থায়ী।
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