Surah Takwir Ayat 14 Tafseer in Hindi
﴿عَلِمَتْ نَفْسٌ مَّا أَحْضَرَتْ﴾
[ التكوير: 14]
तब हर शख़्श मालूम करेगा कि वह क्या (आमाल) लेकर आया
Surah At-Takwir Hindi2. (7-14) इन आयतों में प्रलय के दूसरे चरण की दशा को दर्शाया गया है कि इनसानों की आस्था और कर्मों के अनुसार श्रेणियाँ बनेंगी। नृशंसितों (मज़लूमों) के साथ न्याय किया जाएगा। कर्म-पत्र खोल दिए जाएँगे। नरक भड़काई जाएगी। स्वर्ग सामने कर दिया जाएगा। और उस समय सभी को वास्तविकता का ज्ञान हो जाएगा। इस्लाम के उदय के समय अरब में कुछ लोग पुत्रियों को जन्म लेते ही जीवित गाड़ दिया करते थे। इस्लाम ने नारियों को जीवन प्रदान किया। और उन्हें जीवित गाड़ देने को घोर अपराध घोषित किया। आयत संख्या 8 में उन्हीं नृशंस अपराधियों को धिक्कारा गया है।
Surah Takwir Verse 14 translate in arabic
Surah Takwir Ayat 14 meaning in Hindi
तो कोई भी क्यक्ति जान लेगा कि उसने क्या उपस्थित किया है
Quran Urdu translation
تب ہر شخص معلوم کر لے گا کہ وہ کیا لے کر آیا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(81:14) then shall each person know what he has brought along.
A soul will [then] know what it has brought [with it]. meaning
Ayats from Quran in Hindi
- बल्कि काफ़िर लोग तो (और उसे) झुठलाते हैं
- तब आख़िर हमने उनसे (उनकी शरारत का) बदला लिया तो चूंकि वह लोग हमारी आयतों
- ऐ लोगों तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से रसूल (मोहम्मद) दीने हक़ के साथ
- (ऐ रसूल इनसे) कह दो कि जिन लोगों को तुम खुद ख़ुदा के सिवा (माबूद)
- या तुम्हारे पास (इसकी) कोई वाज़ेए व रौशन दलील है
- और (हमने) मदियन के रहने वालों के पास उनके भाई शुएब को पैग़म्बर बनाकर भेजा
- और (ऐ रसूल) जो उम्मतें तुमसे पहले गुज़र चुकी हैं हम उनके पास भी बहुतेरे
- न तो मैं उनसे रोज़ी का तालिब हूँ और न ये चाहता हूँ कि मुझे
- उसके बाद बड़े सख्त (खुश्क साली (सूखे) के) सात बरस आएंगें कि जो कुछ तुम
- और लोगों में से ख़ुदा के बन्दे कुछ ऐसे हैं जो ख़ुदा की (ख़ुशनूदी) हासिल
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