Surah Nisa Ayat 148 Tafseer in Hindi
﴿۞ لَّا يُحِبُّ اللَّهُ الْجَهْرَ بِالسُّوءِ مِنَ الْقَوْلِ إِلَّا مَن ظُلِمَ ۚ وَكَانَ اللَّهُ سَمِيعًا عَلِيمًا﴾
[ النساء: 148]
ख़ुदा (किसी को) हॉक पुकार कर बुरा कहने को पसन्द नहीं करता मगर मज़लूम (ज़ालिम की बुराई बयान कर सकता है) और ख़ुदा तो (सबकी) सुनता है (और हर एक को) जानता है
Surah An-Nisa Hindi94. आयत में कहा गया है कि किसी व्यक्ति में कोई बुराई हो, तो उसकी चर्चा न करते फिरो। परंतु उत्पीड़ित व्यक्ति अत्याचारी के अत्याचार की चर्चा कर सकता है।
Surah Nisa Verse 148 translate in arabic
لا يحب الله الجهر بالسوء من القول إلا من ظلم وكان الله سميعا عليما
سورة: النساء - آية: ( 148 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 102 )Surah Nisa Ayat 148 meaning in Hindi
अल्लाह बुरी बात खुल्लम-खुल्ला कहने को पसन्द नहीं करता, मगर उसकी बात और है जिसपर ज़ुल्म किया गया हो। अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है
Quran Urdu translation
خدا اس بات کو پسند نہیں کرتا کہ کوئی کسی کو علانیہ برا کہے مگر وہ جو مظلوم ہو۔ اور خدا (سب کچھ) سنتا (اور) جانتا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(4:148) Allah does not like speaking evil publicly unless one has been wronged. Allah is All-Hearing, All-Knowing.
Allah does not like the public mention of evil except by one meaning
phonetic Transliteration
La yuhibbu Allahu aljahra bialssooi mina alqawli illa man thulima wakana Allahu sameeAAan AAaleeman
English - Sahih International
Allah does not like the public mention of evil except by one who has been wronged. And ever is Allah Hearing and Knowing.
Quran Bangla tarjuma
আল্লাহ কোন মন্দ বিষয় প্রকাশ করা পছন্দ করেন না। তবে কারো প্রতি জুলুম হয়ে থাকলে সে কথা আলাদা। আল্লাহ শ্রবণকারী, বিজ্ঞ।
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