Surah Al Imran Ayat 160 Tafseer in Hindi
﴿إِن يَنصُرْكُمُ اللَّهُ فَلَا غَالِبَ لَكُمْ ۖ وَإِن يَخْذُلْكُمْ فَمَن ذَا الَّذِي يَنصُرُكُم مِّن بَعْدِهِ ۗ وَعَلَى اللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُونَ﴾
[ آل عمران: 160]
(मुसलमानों याद रखो) अगर ख़ुदा ने तुम्हारी मदद की तो फिर कोई तुमपर ग़ालिब नहीं आ सकता और अगर ख़ुदा तुमको छोड़ दे तो फिर कौन ऐसा है जो उसके बाद तुम्हारी मदद को खड़ा हो और मोमिनीन को चाहिये कि ख़ुदा ही पर भरोसा रखें
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 160 translate in arabic
إن ينصركم الله فلا غالب لكم وإن يخذلكم فمن ذا الذي ينصركم من بعده وعلى الله فليتوكل المؤمنون
سورة: آل عمران - آية: ( 160 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 71 )Surah Al Imran Ayat 160 meaning in Hindi
यदि अल्लाह तुम्हारी सहायता करे, तो कोई तुमपर प्रभावी नहीं हो सकता। और यदि वह तुम्हें छोड़ दे, तो फिर कौन हो जो उसके पश्चात तुम्हारी सहायता कर सके। अतः ईमानवालों को अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिए
Quran Urdu translation
اور خدا تمہارا مددگار ہے تو تم پر کوئی غالب نہیں آسکتا۔ اور اگر وہ تمہیں چھوڑ دے تو پھر کون ہے کہ تمہاری مدد کرے اور مومنوں کو چاہیئے کہ خدا ہی پر بھروسا رکھیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:160) If Allah helps you none shall prevail over you; if He forsakes you then who can help you? It is in Allah that the believers should put their trust.
If Allah should aid you, no one can overcome you; but if meaning
phonetic Transliteration
In yansurkumu Allahu fala ghaliba lakum wain yakhthulkum faman tha allathee yansurukum min baAAdihi waAAala Allahi falyatawakkali almuminoona
English - Sahih International
If Allah should aid you, no one can overcome you; but if He should forsake you, who is there that can aid you after Him? And upon Allah let the believers rely.
Quran Bangla tarjuma
যদি আল্লাহ তোমাদের সহায়তা করেন, তাহলে কেউ তোমাদের উপর পরাক্রান্ত হতে পারবে না। আর যদি তিনি তোমাদের সাহায্য না করেন, তবে এমন কে আছে, যে তোমাদের সাহায্য করতে পারে? আর আল্লাহর ওপরই মুসলমানগনের ভরসা করা উচিত।
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Ayats from Quran in Hindi
- ऐ ईमानदारों ख़ुदा से डरते रहो और उसके (तक़र्रब (क़रीब होने) के) ज़रिये की जुस्तजू
- कि किसी को पस्त करेगी किसी को बुलन्द
- उन लोगों ने अर्ज़ की कि ये तो (कुछ) ख्वाब परेशॉ (सा) है और हम
- ताकि ख़ुदा तुम्हारी उम्मत के अगले और पिछले गुनाह माफ़ कर दे और तुम पर
- और हर फरीक़ के वास्ते एक सिम्त है उसी की तरफ वह नमाज़ में अपना
- बुरी (बुरी) बातें तो उन्हीं लोगों के लिए ज्यादा मुनासिब हैं जो आख़िरत का यक़ीन
- तो (जहाँ मछली थी) दोनों ने हमारे बन्दों में से एक (ख़ास) बन्दा खिज्र को
- और कमज़ोर लोग बड़े लोगों से कहेंगे (कि ज़बरदस्ती तो नहीं की मगर हम खुद
- और ये (काफिर) लोग बस एक चिंघाड़ (सूर के मुन्तज़िर हैं जो फिर उन्हें) चश्में
- और ऐ मेरी क़ौमे मेरी ज़िद कही तुम से ऐसा जुर्म न करा दे जैसी
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