Surah Luqman Ayat 29 Tafseer in Hindi
﴿أَلَمْ تَرَ أَنَّ اللَّهَ يُولِجُ اللَّيْلَ فِي النَّهَارِ وَيُولِجُ النَّهَارَ فِي اللَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ كُلٌّ يَجْرِي إِلَىٰ أَجَلٍ مُّسَمًّى وَأَنَّ اللَّهَ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرٌ﴾
[ لقمان: 29]
क्या तूने ये भी ख्याल न किया कि ख़ुदा ही रात को (बढ़ा के) दिन में दाख़िल कर देता है (तो रात बढ़ जाती है) और दिन को (बढ़ा के) रात में दाख़िल कर देता है (तो दिन बढ़ जाता है) उसी ने आफताब व माहताब को (गोया) तुम्हारा ताबेए बना दिया है कि एक मुक़र्रर मीयाद तक (यूँ ही) चलता रहेगा और (क्या तूने ये भी ख्याल न किया कि) जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाकिफकार है
Surah Luqman Hindi14. क़ुरआन ने एकेश्वरवाद का आमंत्रण देने तथा मिश्रणवाद का खंडन करने के लिए फिर इसका वर्णन किया है कि जब सृष्टि का रचयिता तथा विधाता अल्लाह ही है, तो पूज्य भी वही है, फिर भी यह विश्वव्यापि कुपथ है कि लोग अल्लाह के सिवा अन्य की पूजा करते तथा सूर्य और चाँद को सज्दा करते हैं। निर्धारित समय से अभिप्राय प्रलय है। 15. तो कभी दिन बड़ा होता है, तो कभी रात्रि।
Surah Luqman Verse 29 translate in arabic
ألم تر أن الله يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وسخر الشمس والقمر كل يجري إلى أجل مسمى وأن الله بما تعملون خبير
سورة: لقمان - آية: ( 29 ) - جزء: ( 21 ) - صفحة: ( 414 )Surah Luqman Ayat 29 meaning in Hindi
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह रात को दिन में प्रविष्ट करता है और दिन को रात में प्रविष्ट करता है। उसने सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है? प्रत्येक एक नियत समय तक चला जा रहा है और इसके साथ यह कि जो कुछ भी तुम करते हो, अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है
Quran Urdu translation
کیا تم نے نہیں دیکھا کہ خدا ہی رات کو دن میں داخل کرتا ہے اور (وہی) دن کو رات میں داخل کرتا ہے اور اُسی نے سورج اور چاند کو (تمہارے) زیر فرمان کر رکھا ہے۔ ہر ایک ایک وقتِ مقرر تک چل رہا ہے اور یہ کہ خدا تمہارے سب اعمال سے خبردار ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(31:29) Do you not see that Allah makes the night phase into the day and makes the day phase into the night and has subjected the sun and the moon *50 to His will so that each of them is pursuing its course till an appointed time? (Do you not know that) *51 Allah is well aware of all that you do?
Do you not see that Allah causes the night to enter the meaning
*50) That is, "The appearance and alternation of the day and night consistently and regularly by itself shows that the sun and the moon have been subjected to a system. " The sun and the moon have been mentioned here in particular because both these are the most prominent bodies of the heaven, which man has been worshipping as deities since the earliest times, and which many people worship as gods even today. The fact, however, is that Allah has bound aII the stars and planets of the universe including the earth into an unalterable system from which they cannot deviate even by an inch.
*51) That is, nothing in the world, whether the sun or the moon, or any other star or planet, in the universe, is eternal and ever-lasting. Everything has a term for it and can function only till its expiry. Everything has a beginning in time before which it was not there and an end in time after which it will not be there. This means to imply that such temporal and powerless things cannot become the deities of men.
phonetic Transliteration
Alam tara anna Allaha yooliju allayla fee alnnahari wayooliju alnnahara fee allayli wasakhkhara alshshamsa waalqamara kullun yajree ila ajalin musamman waanna Allaha bima taAAmaloona khabeerun
English - Sahih International
Do you not see that Allah causes the night to enter the day and causes the day to enter the night and has subjected the sun and the moon, each running [its course] for a specified term, and that Allah, with whatever you do, is Acquainted?
Quran Bangla tarjuma
তুমি কি দেখ না যে, আল্লাহ রাত্রিকে দিবসে প্রবিষ্ট করেন এবং দিবসকে রাত্রিতে প্রবিষ্ট করেন? তিনি চন্দ্র ও সূর্যকে কাজে নিয়োজিত করেছেন। প্রত্যেকেই নির্দিষ্টকাল পর্যন্ত পরিভ্রমণ করে। তুমি কি আরও দেখ না যে, তোমরা যা কর, আল্লাহ তার খবর রাখেন?
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Ayats from Quran in Hindi
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