Surah An Nas Ayat 3 Tafseer in Hindi
﴿إِلَٰهِ النَّاسِ﴾
[ الناس: 3]
लोगों के माबूद की (शैतानी)
Surah An-Nas Hindi1. (1-3) यहाँ अल्लाह को उसके तीन गुणों के साथ याद करके उसकी शरण लेने की शिक्षा दी गई है। एक उसका सब मानवजाति का पालनहार और स्वामी होना। दूसरे उसका सभी इनसानों का अधिपति और शासक होना। तीसरे उसका इनसानों का सत्य पूज्य होना। भावार्थ यह है कि (मैं) उस अल्लाह की शरण माँगता हूँ जो इनसानों का पालनहार, शासक और पूज्य होने के कारण उनपर पूरा नियंत्रण और अधिकार रखता है। जो वास्तव में, उस बुराई से इनसानों को बचा सकता है, जिससे वे स्वयं बचने और दूसरों को बचाने में अक्षम हैं, उसके सिवा कोई है भी नहीं जो शरण दे सकता हो।
Surah An Nas Verse 3 translate in arabic
Surah An Nas Ayat 3 meaning in Hindi
मनुष्यों के उपास्य की
Quran Urdu translation
لوگوں کے معبود برحق کی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(114:3) the True God of mankind, *1
The God of mankind, meaning
*1) Here also, as in Surah Al-Falaq, instead of saying A'udhu-billahi (I seek Allah's refuge), a prayer has beat taught to seek Allah's refuge by reference to His throe attributes: first, that He is Rabb-un nas, i.e. Sustainer, Providence and Master of all mankind; third, that He is Ilah-un-nas, i.e. real Deity of all mankind, (Here, one should clearly understand that the word ilah has been used in two meanings in the Qur'an: first for the thing or person who is practically being worshipped although it or he is not entitled to worship; second, for Him Who is ' entitled to worship, Who is in fact the Deity whether the people worship Him or not, wherever this word is used for Allah; it has been used in the second meaning). Seeking refuge by means of these throe attributes means: "I seek refuge with that God, Who being the Sustainer, King and Deity of men, has full power over them, can fully protect them and can really save them from the evil, to save myself and others from which 1 am seeking His refuge. Not only this: since He alone is Sustainer, King and Deity, therefore, there is no one beside Him with Whom I may seek refuge and he may give real refuge."
Ayats from Quran in Hindi
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