Surah Al-Haqqah Ayat 33 Tafseer in Hindi
﴿إِنَّهُ كَانَ لَا يُؤْمِنُ بِاللَّهِ الْعَظِيمِ﴾
[ الحاقة: 33]
(क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था
Surah Al-Haqqah Hindi
Surah Al-Haqqah Verse 33 translate in arabic
Surah Al-Haqqah Ayat 33 meaning in Hindi
"वह न तो महिमावान अल्लाह पर ईमान रखता था
Quran Urdu translation
یہ نہ تو خدائے جل شانہ پر ایمان لاتا تھا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(69:33) He would not believe in Allah, the Most Great;
Indeed, he did not used to believe in Allah, the Most Great, meaning
Ayats from Quran in Hindi
- तो जब उन पर रात की तारीक़ी (अंधेरा) छा गयी तो एक सितारे को देखा
- ये इस वजह से कि ईमानदारों का ख़ुदा सरपरस्त है और काफिरों का हरगिज़ कोई
- (और हुक्म के पाबन्द हैं) फिर उसने दोनों में उस (धुएँ) के सात आसमान बनाए
- और ज़मीन को भी हम ही ने बिछाया तो हम कैसे अच्छे बिछाने वाले हैं
- (बल्कि) वह माबूद खुद उनकी इबादत से इन्कार करेंगे और (उल्टे) उनके दुशमन हो जाएँगे
- उसी ने तुम्हारे वास्ते रात को और दिन को और सूरज और चाँद को तुम्हारा
- (मुसलमानों) तुम को हुक्म दिया जाता है कि जब तुम में से किसी के सामने
- ग़रज़ तुम लोग खुद और तुम्हारे माबूद
- और बेशक हमने मूसा को अपनी निशानियाँ और रौशन दलील देकर
- तो खुदा ने उन्हें (इसी) दुनिया की ज़िन्दगी में रूसवाई की लज्ज़त चखा दी और
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