Surah Fussilat Ayat 43 Tafseer in Hindi
﴿مَّا يُقَالُ لَكَ إِلَّا مَا قَدْ قِيلَ لِلرُّسُلِ مِن قَبْلِكَ ۚ إِنَّ رَبَّكَ لَذُو مَغْفِرَةٍ وَذُو عِقَابٍ أَلِيمٍ﴾
[ فصلت: 43]
(ऐ रसूल) तुमसे से भी बस वही बातें कहीं जाती हैं जो तुमसे और रसूलों से कही जा चुकी हैं बेशक तुम्हारा परवरदिगार बख्शने वाला भी है और दर्दनाक अज़ाब वाला भी है
Surah Fussilat Hindi13. अर्थात उन्हें जादूगर, झूठा तथा कवि इत्यादि कहा गया। (देखिए : सूरतुज़्-ज़ारियात, आयत : 52-53)
Surah Fussilat Verse 43 translate in arabic
ما يقال لك إلا ما قد قيل للرسل من قبلك إن ربك لذو مغفرة وذو عقاب أليم
سورة: فصلت - آية: ( 43 ) - جزء: ( 24 ) - صفحة: ( 481 )Surah Fussilat Ayat 43 meaning in Hindi
तुम्हें बस वही कहा जा रहा है, जो उन रसूलों को कहा जा चुका है, जो तुमसे पहले गुज़र चुके है। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा क्षमाशील है और दुखद दंड देनेवाला भी
Quran Urdu translation
تم سے وہی باتیں کہیں جاتی ہیں جو تم سے پہلے اور پیغمبروں سے کہی گئی تھیں۔ بےشک تمہارا پروردگار بخش دینے والا بھی اور عذاب الیم دینے والا بھی ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(41:43) (O Prophet), nothing is said to you but what was already said to the Messengers before you. Surely your Lord is the Lord of forgiveness *53 and the Lord of grievous chastisement.
Nothing is said to you, [O Muhammad], except what was already said meaning
*53) That is, "It is all due to His clemency and forgiveness that although His Messengers were opposed, abused and persecuted yet He went on giving respite to their opponents for years and years on end. "
phonetic Transliteration
Ma yuqalu laka illa ma qad qeela lilrrusuli min qablika inna rabbaka lathoo maghfiratin wathoo AAiqabin aleemin
English - Sahih International
Nothing is said to you, [O Muhammad], except what was already said to the messengers before you. Indeed, your Lord is a possessor of forgiveness and a possessor of painful penalty.
Quran Bangla tarjuma
আপনাকে তো তাই বলা হয়, যা বলা হত পূর্ববর্তী রসূলগনকে। নিশ্চয় আপনার পালনকর্তার কাছে রয়েছে ক্ষমা এবং রয়েছে যন্ত্রণাদায়ক শাস্তি।
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Ayats from Quran in Hindi
- बेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे
- और वह लोग जो दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे
- (यानि) उसका रास्ता कि जो आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़
- अल्लाह वह है जिससे सिवा कोई माबूद नहीं वही (इतने) बड़े अर्श का मालिक है
- जिन लोगों को हमने किताब (तौरैत वग़ैरह) दी है वह जिस तरह अपने बेटों को
- और जो कुछ आसमानों में हैं और जो कुछ ज़मीन में हैं (ग़रज़) सब कुछ
- और हम तुमको आसान तरीके की तौफ़ीक़ देंगे
- और तुम्हारे परवरदिगार ने तो हुक्म ही दिया है कि उसके सिवा किसी दूसरे की
- और (क़यामत) में उनसे बाज़पुर्स की जाएगी और कहते हैं कि अगर ख़ुदा चाहता तो
- और वह लोग कहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी तो बस दुनिया ही की है (यहीं)
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