Surah Al Isra Ayat 57 Tafseer in Hindi
﴿أُولَٰئِكَ الَّذِينَ يَدْعُونَ يَبْتَغُونَ إِلَىٰ رَبِّهِمُ الْوَسِيلَةَ أَيُّهُمْ أَقْرَبُ وَيَرْجُونَ رَحْمَتَهُ وَيَخَافُونَ عَذَابَهُ ۚ إِنَّ عَذَابَ رَبِّكَ كَانَ مَحْذُورًا﴾
[ الإسراء: 57]
ये लोग जिनको मुशरेकीन (अपना ख़ुदा समझकर) इबादत करते हैं वह खुद अपने परवरदिगार की क़ुरबत के ज़रिए ढूँढते फिरते हैं कि (देखो) इनमें से कौन ज्यादा कुरबत रखता है और उसकी रहमत की उम्मीद रखते और उसके अज़ाब से डरते हैं इसमें शक़ नहीं कि तेरे परवरदिगार का अज़ाब डरने की चीज़ है
Surah Al-Isra Hindi33. अर्थात मुश्रिक जिन नबियों, महापुरुषों और फ़रिश्तों को पुकारते हैं। 34. साधन से अभिप्रेत सत्कर्म और आज्ञाकारिता है।
Surah Al Isra Verse 57 translate in arabic
أولئك الذين يدعون يبتغون إلى ربهم الوسيلة أيهم أقرب ويرجون رحمته ويخافون عذابه إن عذاب ربك كان محذورا
سورة: الإسراء - آية: ( 57 ) - جزء: ( 15 ) - صفحة: ( 287 )Surah Al Isra Ayat 57 meaning in Hindi
जिनको ये लोग पुकारते है वे तो स्वयं अपने रब का सामीप्य ढूँढते है कि कौन उनमें से सबसे अधिक निकटता प्राप्त कर ले। और वे उसकी दयालुता की आशा रखते है और उसकी यातना से डरते रहते है। तुम्हारे रब की यातना तो है ही डरने की चीज़!
Quran Urdu translation
یہ لوگ جن کو (خدا کے سوا) پکارتے ہیں وہ خود اپنے پروردگار کے ہاں ذریعہ (تقرب) تلاش کرتے رہتے ہیں کہ کون ان میں (خدا کا) زیادہ مقرب ہوتا ہے اور اس کی رحمت کے امیدوار رہتے ہیں اور اس کے عذاب سے خوف رکھتے ہیں۔ بےشک تمہارے پروردگار کا عذاب ڈرنے کی چیز ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(17:57) In fact those whom these people invoke for help themselves seek means of approach to their Lord and vie with one another to be nearer to Him and hope for His mercy and fear His chastisement. *65 The fact is that the chastisement of your Lord is a thing to be dreaded.
Those whom they invoke seek means of access to their Lord, [striving meaning
*65) The words of the text are a clear proof that the deities and the helpers referred to in this verse were not idols of stone but were either angels or dead saints. It is clearly implied in this that no prophet, no saint and no angel, whom the people invoke for help, has the power to hear prayers and help anyone. They themselves hope for mercy from Allah and dread His punishment and vie with one another in seeking means for nearness to Him.
phonetic Transliteration
Olaika allatheena yadAAoona yabtaghoona ila rabbihimu alwaseelata ayyuhum aqrabu wayarjoona rahmatahu wayakhafoona AAathabahu inna AAathaba rabbika kana mahthooran
English - Sahih International
Those whom they invoke seek means of access to their Lord, [striving as to] which of them would be nearest, and they hope for His mercy and fear His punishment. Indeed, the punishment of your Lord is ever feared.
Quran Bangla tarjuma
যাদেরকে তারা আহবান করে, তারা নিজেরাই তো তাদের পালনকর্তার নৈকট্য লাভের জন্য মধ্যস্থ তালাশ করে যে, তাদের মধ্যে কে নৈকট্যশীল। তারা তাঁর রহমতের আশা করে এবং তাঁর শাস্তিকে ভয় করে। নিশ্চয় আপনার পালনকর্তার শাস্তি ভয়াবহ।
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