Surah Al Isra Ayat 58 Tafseer in Hindi
﴿وَإِن مِّن قَرْيَةٍ إِلَّا نَحْنُ مُهْلِكُوهَا قَبْلَ يَوْمِ الْقِيَامَةِ أَوْ مُعَذِّبُوهَا عَذَابًا شَدِيدًا ۚ كَانَ ذَٰلِكَ فِي الْكِتَابِ مَسْطُورًا﴾
[ الإسراء: 58]
और कोई बस्ती नहीं है मगर रोज़ क़यामत से पहले हम उसे तबाह व बरबाद कर छोड़ेगें या (नाफरमानी) की सज़ा में उस पर सख्त से सख्त अज़ाब करेगें (और) ये बात किताब (लौहे महफूज़) में लिखी जा चुकी है
Surah Al-Isra Hindi
Surah Al Isra Verse 58 translate in arabic
وإن من قرية إلا نحن مهلكوها قبل يوم القيامة أو معذبوها عذابا شديدا كان ذلك في الكتاب مسطورا
سورة: الإسراء - آية: ( 58 ) - جزء: ( 15 ) - صفحة: ( 287 )Surah Al Isra Ayat 58 meaning in Hindi
कोई भी (अवज्ञाकारी) बस्ती ऐसी नहीं जिसे हम क़ियामत के दिन से पहले विनष्टअ न कर दें या उसे कठोर यातना न दे। यह बात किताब में लिखी जा चुकी है
Quran Urdu translation
اور (کفر کرنے والوں کی) کوئی بستی نہیں مگر قیامت کے دن سے پہلے ہم اسے ہلاک کردیں گے یا سخت عذاب سے معذب کریں گے۔ یہ کتاب (یعنی تقدیر) میں لکھا جاچکا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(17:58) There is no habitation which We shall not destroy before the Day of Resurrection or punish with a severe chastisement. *66 This has been ordained in the Eternal Record.
And there is no city but that We will destroy it before meaning
*66)
This is to remove the delusion of the disbelievers that their habitations were immune from danger or chastisement. This verse warns that every habitation will be destroyed as a matter of course or by Allah's chastisement.
phonetic Transliteration
Wain min qaryatin illa nahnu muhlikooha qabla yawmi alqiyamati aw muAAaththibooha AAathaban shadeedan kana thalika fee alkitabi mastooran
English - Sahih International
And there is no city but that We will destroy it before the Day of Resurrection or punish it with a severe punishment. That has ever been in the Register inscribed.
Quran Bangla tarjuma
এমন কোন জনপদ নেই, যাকে আমি কেয়ামত দিবসের পূর্বে ধ্বংস করব না অথবা যাকে কঠোর শাস্তি দেব না। এটা তো গ্রন্থে লিপিবদ্ধ হয়ে গেছে।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- तो ख़ुदा जिस शख़्श को राह रास्त दिखाना चाहता है उसके सीने को इस्लाम (की
- मैने न तो आसमान व ज़मीन के पैदा करने के वक्त उनको (मदद के लिए)
- ग़रज़ वह बराबर यही पड़े पुकारा किए यहाँ तक कि हमने उन्हें कटी हुई खेती
- उसी तरह ये भी कोई मौजिज़ा (जैसा हम कहें) हमारे पास भला लाए तो सही
- जो बड़े मेहरबान (और) ग़ालिब (खुदा) का नाज़िल किया हुआ (है)
- (कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक
- तब कहने लगे कि तुम अपने खुदा से दुआ करो कि हमें ज़रा ये तो
- तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमत से इन्कार करोगे
- अलिफ़ लाम रा ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें है
- और यहूद कहते हैं कि नसारा का मज़हब कुछ (ठीक) नहीं और नसारा कहते हैं
Quran surahs in Hindi :
Download surah Al Isra with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Al Isra mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Al Isra Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers