Surah Maidah Ayat 71 Tafseer in Hindi
﴿وَحَسِبُوا أَلَّا تَكُونَ فِتْنَةٌ فَعَمُوا وَصَمُّوا ثُمَّ تَابَ اللَّهُ عَلَيْهِمْ ثُمَّ عَمُوا وَصَمُّوا كَثِيرٌ مِّنْهُمْ ۚ وَاللَّهُ بَصِيرٌ بِمَا يَعْمَلُونَ﴾
[ المائدة: 71]
और समझ लिया कि (इसमें हमारे लिए) कोई ख़राबी न होगी पस (गोया) वह लोग (अम्र हक़ से) अंधे और बहरे बन गए (मगर बावजूद इसके) जब इन लोगों ने तौबा की तो फिर ख़ुदा ने उनकी तौबा क़ुबूल कर ली (मगर) फिर (इस पर भी) उनमें से बहुतेरे अंधे और बहरे बन गए और जो कुछ ये लोग कर रहे हैं अल्लाह तो देखता है
Surah Al-Maidah Hindi
Surah Maidah Verse 71 translate in arabic
وحسبوا ألا تكون فتنة فعموا وصموا ثم تاب الله عليهم ثم عموا وصموا كثير منهم والله بصير بما يعملون
سورة: المائدة - آية: ( 71 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 120 )Surah Maidah Ayat 71 meaning in Hindi
और उन्होंने समझा कि कोई आपदा न आएगी; इसलिए वे अंधे और बहरे बन गए। फिर अल्लाह ने उनपर दयादृष्टि की, फिर भी उनमें से बहुत-से अंधे और बहरे हो गए। अल्लाह देख रहा है, जो कुछ वे करते है
Quran Urdu translation
اور خیال کرتے تھے کہ (اس سے ان پر) کوئی آفت نہیں آنے کی تو وہ اندھے اور بہرے ہو گئے پھر خدا نے ان پر مہربانی فرمائی (لیکن) پھر ان میں سے بہت سے اندھے اور بہرے ہو گئے اور خدا ان کے سب کاموں کو دیکھ رہا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:71) thinking that no harm would come from it. Thus they became blind and deaf (to the Truth). Thereafter Allah turned towards them in gracious forgiveness; but many of them became even more deaf and blind (to the Truth). Allah sees all that they do.
And they thought there would be no [resulting] punishment, so they became meaning
phonetic Transliteration
Wahasiboo alla takoona fitnatun faAAamoo wasammoo thumma taba Allahu AAalayhim thumma AAamoo wasammoo katheerun minhum waAllahu baseerun bima yaAAmaloona
English - Sahih International
And they thought there would be no [resulting] punishment, so they became blind and deaf. Then Allah turned to them in forgiveness; then [again] many of them became blind and deaf. And Allah is Seeing of what they do.
Quran Bangla tarjuma
তারা ধারণা করেছে যে, কোন অনিষ্ট হবে না। ফলে তারা আরও অন্ধ ও বধির হয়ে গেল। অতঃপর আল্লাহ তাদের তওবা কবুল করলেন। এরপরও তাদের অধিকাংশই অন্ধ ও বধির হয়ে রইল। আল্লাহ দেখেন তারা যা কিছু করে।
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