Surah Ahzab Ayat 73 Tafseer in Hindi
﴿لِّيُعَذِّبَ اللَّهُ الْمُنَافِقِينَ وَالْمُنَافِقَاتِ وَالْمُشْرِكِينَ وَالْمُشْرِكَاتِ وَيَتُوبَ اللَّهُ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ ۗ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَّحِيمًا﴾
[ الأحزاب: 73]
इसका नतीजा यह हुआ कि खुदा मुनाफिक़ मर्दों और मुनाफिक़ औरतों और मुशरिक मर्दों और मुशरिक औरतों को (उनके किए की) सज़ा देगा और ईमानदार मर्दों और ईमानदार औरतों की (तक़सीर अमानत की) तौबा क़ुबूल फरमाएगा और खुदा तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है
Surah Al-Ahzab Hindi
Surah Ahzab Verse 73 translate in arabic
ليعذب الله المنافقين والمنافقات والمشركين والمشركات ويتوب الله على المؤمنين والمؤمنات وكان الله غفورا رحيما
سورة: الأحزاب - آية: ( 73 ) - جزء: ( 22 ) - صفحة: ( 427 )Surah Ahzab Ayat 73 meaning in Hindi
ताकि अल्लाह कपटाचारी पुरुषों और कपटाचारी स्त्रियों और बहुदेववादी पुरुषों और बहुदेववादी स्त्रियों को यातना दे, और ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों पर अल्लाह कृपा-स्पष्ट करे। वास्तव में अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
Quran Urdu translation
تاکہ خدا منافق مردوں اور منافق عورتوں اور مشرک مردوں اور مشرک عورتوں کو عذاب دے اور خدا مومن مردوں اور مومن عورتوں پر مہربانی کرے۔ اور خدا تو بخشنے والا مہربان ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(33:73) (The consequence of man's carrying the trust is) that Allah may chastise hypocritical men and hypocritical women and accept the repentance of believing men and believing women. He is Most Forgiving, Most Merciful.
[It was] so that Allah may punish the hypocrite men and hypocrite meaning
phonetic Transliteration
LiyuAAaththiba Allahu almunafiqeena waalmunafiqati waalmushrikeena waalmushrikati wayatooba Allahu AAala almumineena waalmuminati wakana Allahu ghafooran raheeman
English - Sahih International
[It was] so that Allah may punish the hypocrite men and hypocrite women and the men and women who associate others with Him and that Allah may accept repentance from the believing men and believing women. And ever is Allah Forgiving and Merciful.
Quran Bangla tarjuma
যাতে আল্লাহ মুনাফিক পুরুষ, মুনাফিক নারী, মুশরিক পুরুষ, মুশরিক নারীদেরকে শাস্তি দেন এবং মুমিন পুরুষ ও মুমিন নারীদেরকে ক্ষমা করেন। আল্লাহ ক্ষমাশীল, পরম দয়ালু।
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