Surah Fajr Ayat 1 Tafseer in Hindi
Surah Fajr Verse 1 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- और अगर कोई तंगदस्त तुम्हारा (क़र्ज़दार हो) तो उसे ख़ुशहाली तक मोहल्लत (दो) और सदक़ा
- और अगर हम चाहें तो हम उसे उन्हें आयतों की बदौलत बुलन्द मरतबा कर देते
- हालाँकि जो लोग (फरिश्ते) आसमान और ज़मीन में हैं (सब) उसी के (बन्दे) हैं और
- और (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर फिरौतनी के साथ
- और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है
- ख़ुदा के नज़दीक तो जैसे ईसा की हालत वैसी ही आदम की हालत कि उनको
- तो जब बड़ी सख्त मुसीबत (क़यामत) आ मौजूद होगी
- इबराहीम ने कहा यक़ीनन तुम भी और तुम्हारे बुर्जुग़ भी खुली हुईगुमराही में पड़े हुए
- आज हम उनके मुँह पर मुहर लगा देगें और (जो) कारसतानियाँ ये लोग दुनिया में
- (निदामत से) उनकी ऑंखें झुकी होंगी उन पर रूसवाई छाई हुई होगी ये वही दिन
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