Surah Qiyamah Ayat 32 Tafseer in Hindi
﴿وَلَٰكِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ﴾
[ القيامة: 32]
मगर झुठलाया और (ईमान से) मुँह फेरा
Surah Al-Qiyamah Hindi
Surah Qiyamah Verse 32 translate in arabic
Surah Qiyamah Ayat 32 meaning in Hindi
लेकिन झुठलाया और मुँह मोड़ा,
Quran Urdu translation
بلکہ جھٹلایا اور منہ پھیر لیا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(75:32) on the contrary, he gave the lie to the Truth and turned his back upon it,
But [instead], he denied and turned away. meaning
Ayats from Quran in Hindi
- बेशक खुदा बड़ा माफ करने वाला बख़शने वाला है ये (मदद) इस वजह से दी
- बेशक जो लोग राहे हिदायत साफ़ साफ़ मालूम होने के बाद उलटे पाँव (कुफ़्र की
- उस दिन आदमी अपने भाई
- और जो लोग आग में (जल रहे) होंगे जहन्नुम के दरोग़ाओं से दरख्वास्त करेंगे कि
- क्या उन लोगों ने अपने दिल में (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने
- तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) बड़ा रहम करने वाला है जिस पर हम ईमान
- बेशक जिन लोगों ने ईमानदार मर्दों और औरतों को तकलीफें दीं फिर तौबा न की
- जो रुए ज़मीन पर फ़साद फैलाया करते हैं और (ख़राबियों की) इसलाह नहीं करते
- मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत
- उसकी क़ुदरत की निशानियों में से एक ये भी है कि तुम ज़मीन को ख़़ुश्क
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