Surah Maidah Ayat 120 Tafseer in Hindi
﴿لِلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا فِيهِنَّ ۚ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ﴾
[ المائدة: 120]
सारे आसमान व ज़मीन और जो कुछ उनमें है सब ख़ुदा ही की सल्तनत है और वह हर चीज़ पर क़ादिर (व तवाना) है
Surah Al-Maidah Hindi77. आयत 116 से अब तक की आयतों का सारांश यह है कि अल्लाह ने पहले अपने वे पुरस्कार याद दिलाए जो ईसा अलैहिस्सलाम को प्रदान किए। फिर कहा कि सत्य की शिक्षाओं के होते तेरे अनुयायियों ने क्यों तुझे और तेरी माता को पूज्य बना लिया? इसपर ईसा अलैहिस्सलाम कहेंगे कि मैं इससे निर्दोष हूँ। अभिप्राय यह है कि सभी नबियों ने एकेश्वरवाद तथा सत्कर्म की शिक्षा दी। परंतु उनके अनुयायियों ने उन्हीं को पूज्य बना लिया। इस लिए इसका भार अनुयायियों और वे जिसकी पूजा कर रहे हैं, उनपर है। वह स्वयं इससे निर्दोष हैं।
Surah Maidah Verse 120 translate in arabic
لله ملك السموات والأرض وما فيهن وهو على كل شيء قدير
سورة: المائدة - آية: ( 120 ) - جزء: ( 7 ) - صفحة: ( 127 )Surah Maidah Ayat 120 meaning in Hindi
आकाशों और धरती और जो कुछ उनके बीच है, सबपर अल्लाह ही की बादशाही है और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है
Quran Urdu translation
آسمان اور زمین اور جو کچھ ان (دونوں) میں ہے سب پر خدا ہی کی بادشاہی ہے اور وہ ہر چیز پر قادر ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:120) To Allah belongs the dominion of the heavens and the earth and all that is in them and He has full power over everything.
To Allah belongs the dominion of the heavens and the earth and meaning
phonetic Transliteration
Lillahi mulku alssamawati waalardi wama feehinna wahuwa AAala kulli shayin qadeerun
English - Sahih International
To Allah belongs the dominion of the heavens and the earth and whatever is within them. And He is over all things competent.
Quran Bangla tarjuma
নভোমন্ডল, ভূমন্ডল এবং এতদুভয়ে অবস্থিত সবকিছুর আধিপত্য আল্লাহরই। তিনি সবকিছুর উপর ক্ষমতাবান।
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Ayats from Quran in Hindi
- उसी ने सारे आसमान और ज़मीन को बजा (दुरूस्त) पैदा किया वही रात को दिन
- और (हम ही ने ज़ैतून का) दरख्त (पैदा किया) जो तूरे सैना (पहाड़) में (कसरत
- और उन लोगों ने ख़ुदा की आयतों के बदले थोड़ी सी क़ीमत (दुनियावी फायदे) हासिल
- (ताकि) तुम खुद भी खाओ और अपने चारपायों को भी चराओ कुछ शक नहीं कि
- यासीन
- (और यही दीन ईसा लेकर आए थे) फिर (काफिरों के) फ़िरकों ने बहम एख़तेलाफ किया
- इसमें शक़ नहीं कि इबराहीम (लोगों के) पेशवा ख़ुदा के फरमाबरदार बन्दे और बातिल से
- तुम लोग उसे उगाते हो या हम उगाते हैं अगर हम चाहते
- बेशक नेक लोग नेअमतों में होंगे
- और मैं उनको मोहलत दिये जाता हूँ बेशक मेरी तदबीर मज़बूत है
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