Surah Al Imran Ayat 126 Tafseer in Hindi
﴿وَمَا جَعَلَهُ اللَّهُ إِلَّا بُشْرَىٰ لَكُمْ وَلِتَطْمَئِنَّ قُلُوبُكُم بِهِ ۗ وَمَا النَّصْرُ إِلَّا مِنْ عِندِ اللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَكِيمِ﴾
[ آل عمران: 126]
और ताकि इससे तुम्हारे दिल की ढारस हो और (ये तो ज़ाहिर है कि) मदद जब होती है तो ख़ुदा ही की तरफ़ से जो सब पर ग़ालिब (और) हिकमत वाला है
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 126 translate in arabic
وما جعله الله إلا بشرى لكم ولتطمئن قلوبكم به وما النصر إلا من عند الله العزيز الحكيم
سورة: آل عمران - آية: ( 126 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 66 )Surah Al Imran Ayat 126 meaning in Hindi
अल्लाह ने तो इसे तुम्हारे लिए बस एक शुभ-सूचना बनाया और इसलिए कि तुम्हारे दिल सन्तुष्ट हो जाएँ - सहायता तो बस अल्लाह ही के यहाँ से आती है जो अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
Quran Urdu translation
اور اس مدد کو خدا نے تمھارے لیے (ذریعہٴ) بشارت بنایا یعنی اس لیے کہ تمہارے دلوں کو اس سے تسلی حاصل ہو ورنہ مدد تو خدا ہی کی ہے جو غالب (اور) حکمت والا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:126) Allah has reminded you of this only as a glad tiding to you and so as to let your hearts be at rest. Help can only come from Allah, the All-Mighty, the All-Wise.
And Allah made it not except as [a sign of] good tidings meaning
phonetic Transliteration
Wama jaAAalahu Allahu illa bushra lakum walitatmainna quloobukum bihi wama alnnasru illa min AAindi Allahi alAAazeezi alhakeemi
English - Sahih International
And Allah made it not except as [a sign of] good tidings for you and to reassure your hearts thereby. And victory is not except from Allah, the Exalted in Might, the Wise -
Quran Bangla tarjuma
বস্তুতঃ এটা তো আল্লাহ তোমাদের সুসংবাদ দান করলেন, যাতে তোমাদের মনে এতে সান্ত্বনা আসতে পারে। আর সাহায্য শুধুমাত্র পরাক্রান্ত, মহাজ্ঞানী আল্লাহরই পক্ষ থেকে,
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Ayats from Quran in Hindi
- (इस पर भी न खाया) तो इबराहीम उनसे जो ही जी में डरे वह लोग
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- और अपने परवरदिगार से जो उनसे (कहीं) बरतर (बड़ा) व आला है डरते हैं और
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- और अगर उन्हें हिदायत की तरफ बुलाएगा भी तो ये सुन ही नहीं सकते और
- कि जब उनपर उनके करतूत की वजह से कोई मुसीबत पड़ती है तो क्योंकर तुम्हारे
- और बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूरें
- जो लोग ख़ुदा की ख़ुशनूदी के पाबन्द हैं उनको तो उसके ज़रिए से राहे निजात
- कि तुम लोग ज़रूर एक सख्ती के बाद दूसरी सख्ती में फँसोगे
- और हर गिरोह (के न पैदा होने) का एक ख़ास वक्त है फिर जब उनका
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