Surah Nisa Ayat 150 Tafseer in Hindi
﴿إِنَّ الَّذِينَ يَكْفُرُونَ بِاللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيُرِيدُونَ أَن يُفَرِّقُوا بَيْنَ اللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيَقُولُونَ نُؤْمِنُ بِبَعْضٍ وَنَكْفُرُ بِبَعْضٍ وَيُرِيدُونَ أَن يَتَّخِذُوا بَيْنَ ذَٰلِكَ سَبِيلًا﴾
[ النساء: 150]
बेशक जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों से इन्कार करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूलों में तफ़रक़ा डालना चाहते हैं और कहते हैं कि हम बाज़ (पैग़म्बरों) पर ईमान लाए हैं और बाज़ का इन्कार करते हैं और चाहते हैं कि इस (कुफ़्र व ईमान) के दरमियान एक दूसरी राह निकलें
Surah An-Nisa Hindi95. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ह़दीस है कि सब नबी भाई हैं, उनके बाप एक और माएँ अलग-लग हैं। सब का धर्म एक है, और हमारे बीच कोई नबी नहीं है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 3443)
Surah Nisa Verse 150 translate in arabic
إن الذين يكفرون بالله ورسله ويريدون أن يفرقوا بين الله ورسله ويقولون نؤمن ببعض ونكفر ببعض ويريدون أن يتخذوا بين ذلك سبيلا
سورة: النساء - آية: ( 150 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 102 )Surah Nisa Ayat 150 meaning in Hindi
जो लोग अल्लाह और उसके रसूलों का इनकार करते है और चाहते है कि अल्लाह और उसके रसूलों के बीच विच्छेद करें, और कहते है कि "हम कुछ को मानते है और कुछ को नहीं मानते" और इस तरह वे चाहते है कि बीच की कोई राह अपनाएँ;
Quran Urdu translation
جو لوگ خدا سے اور اس کے پیغمبروں سے کفر کرتے ہیں اور خدا اور اس کے پیغمبروں میں فرق کرنا چاہتے ہیں اور کہتے ہیں کہ ہم بعض کو مانتے ہیں اور بعض کو نہیں مانتے اور ایمان اور کفر کے بیچ میں ایک راہ نکالنی چاہتے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(4:150) There are those who disbelieve in Allah and His Messengers and seek to differentiate between Allah and His Messengers, and say: 'We believe in some and deny others, and seek to strike a way between the two.'
Indeed, those who disbelieve in Allah and His messengers and wish to meaning
phonetic Transliteration
Inna allatheena yakfuroona biAllahi warusulihi wayureedoona an yufarriqoo bayna Allahi warusulihi wayaqooloona numinu bibaAAdin wanakfuru bibaAAdin wayureedoona an yattakhithoo bayna thalika sabeelan
English - Sahih International
Indeed, those who disbelieve in Allah and His messengers and wish to discriminate between Allah and His messengers and say, "We believe in some and disbelieve in others," and wish to adopt a way in between -
Quran Bangla tarjuma
যারা আল্লাহ ও তার রসূলের প্রতি অস্বীকৃতি জ্ঞাপনকারী তদুপরি আল্লাহ ও রসূলের প্রতি বিশ্বাসে তারতম্য করতে চায় আর বলে যে, আমরা কতককে বিশ্বাস করি কিন্তু কতককে প্রত্যাখ্যান করি এবং এরই মধ্যবর্তী কোন পথ অবলম্বন করতে চায়।
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Ayats from Quran in Hindi
- फिर हमने तुमको दोबारा उन पर ग़लबा देकर तुम्हारे दिन फेरे और माल से और
- और कुछ देहाती तो ऐसे भी हैं जो ख़ुदा और आख़िरत पर ईमान रखते हैं
- ख़ुदा ने तो ईमानदारों पर बड़ा एहसान किया कि उनके वास्ते उन्हीं की क़ौम का
- हमने इसको मुबारक रात (शबे क़द्र) में नाज़िल किया बेशक हम (अज़ाब से) डराने वाले
- और (साफ-साफ) उनवाने शाइस्ता से बात किया करो और अपने घरों में निचली बैठी रहो
- ख़ुदा ने अपने बन्दे की तरफ जो 'वही' भेजी सो भेजी
- ये सज़ा उनकी इस वज़ह से है कि उन लोगों ने हमारी आयतों से इन्कार
- और हम ही ने मूसा को हिदायत (की किताब तौरेत) दी और बनी इसराईल को
- ये वही लोग हैं जिनके दिलों पर और उनके कानों पर और उनकी ऑंखों पर
- ग़रज़ जब मूसा ने चाहा कि उस शख्स पर जो दोनों का दुश्मन था (छुड़ाने
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