Surah Ibrahim Ayat 24 Tafseer in Hindi
﴿أَلَمْ تَرَ كَيْفَ ضَرَبَ اللَّهُ مَثَلًا كَلِمَةً طَيِّبَةً كَشَجَرَةٍ طَيِّبَةٍ أَصْلُهَا ثَابِتٌ وَفَرْعُهَا فِي السَّمَاءِ﴾
[ إبراهيم: 24]
(ऐ रसूल) क्या तुमने नहीं देखा कि ख़ुदा ने अच्छी बात (मसलन कलमा तौहीद की) वैसी अच्छी मिसाल बयान की है कि (अच्छी बात) गोया एक पाकीज़ा दरख्त है कि उसकी जड़ मज़बूत है और उसकी टहनियाँ आसमान में लगी हो
Surah Ibrahim Hindi10. (पवित्र कलिमा) से अभिप्राय ला इलाहा इल्लल्लाह है। जो इस्लाम का धर्म सूत्र है। इसका अर्थ यह है कि अल्लाह के सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं है। और यही एकेश्वरवाद का मूलाधार है। अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहू अन्हुमा कहते हैं कि हम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि व सल्लम के पास थे कि आपने कहा : मुझे ऐसा वृक्ष बताओ जो मुसलमान के समान होता है। जिसका पत्ता नहीं गिरता, तथा प्रत्येक समय अपना फल दिया करता है? इब्ने उमर ने कहा : मेरे मन में यह बात आई कि वह खजूर का वृक्ष है। और अबू बक्र तथा उमर को देखा कि बोल नहीं रहे हैं, इसलिए मैंने भी बोलना अच्छा नहीं समझा। जब वे कुछ नहीं बोले, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : वह खजूर का वृक्ष है। (संक्षिप्त अनुवाद के साथ, सह़ीह़ बुख़ारी : 4698, सह़ीह़ मुस्लिम : 2811)
Surah Ibrahim Verse 24 translate in arabic
ألم تر كيف ضرب الله مثلا كلمة طيبة كشجرة طيبة أصلها ثابت وفرعها في السماء
سورة: إبراهيم - آية: ( 24 ) - جزء: ( 13 ) - صفحة: ( 258 )Surah Ibrahim Ayat 24 meaning in Hindi
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह ने कैसी मिसाल पेश की? अच्छी उत्तम बात एक अच्छे शुभ वृक्ष के सदृश है, जिसकी जड़ गहरी जमी हुई हो और उसकी शाखाएँ आकाश में पहुँची हुई हों;
Quran Urdu translation
کیا تم نے نہیں دیکھا کہ خدا نے پاک بات کی کیسی مثال بیان فرمائی ہے (وہ ایسی ہے) جیسے پاکیزہ درخت جس کی جڑ مضبوط (یعنی زمین کو پکڑے ہوئے) ہو اور شاخیں آسمان میں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(14:24) Do you not see to what Allah' has likened the `Pure Word' *34 ? It is like a good tree which has got deep roots into the earth and whose branches have spread high up into heaven. *35
Have you not considered how Allah presents an example, [making] a good meaning
*34) Though the expression literally means "Pure Word," here it stands for "Truthful Saying and Righteous Creed". According to the Qur'an, this 'Saying' and 'Creed" are the acceptance of the doctrine of Tauhid, belief in Prophethood and Revelation, and in the lift of the Hereafter, for it declares these things to be the fundamental truths.
*35) This is to show the strength and extent of the "Pure Word". As the entire system of the universe hangs upon the Reality contained in this "Pure Word" which the believer Professes, the earth and its entire system co-operates with him and the heaven with its entire system welcomes him. There is, therefore, no conflict between him and the Law of nature, and everything in its very nature extends its help to him.
phonetic Transliteration
Alam tara kayfa daraba Allahu mathalan kalimatan tayyibatan kashajaratin tayyibatin asluha thabitun wafarAAuha fee alssamai
English - Sahih International
Have you not considered how Allah presents an example, [making] a good word like a good tree, whose root is firmly fixed and its branches [high] in the sky?
Quran Bangla tarjuma
তুমি কি লক্ষ্য কর না, আল্লাহ তা’আলা কেমন উপমা বর্ণনা করেছেনঃ পবিত্র বাক্য হলো পবিত্র বৃক্ষের মত। তার শিকড় মজবুত এবং শাখা আকাশে উত্থিত।
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