Surah Al Imran Ayat 66 Tafseer in Hindi
﴿هَا أَنتُمْ هَٰؤُلَاءِ حَاجَجْتُمْ فِيمَا لَكُم بِهِ عِلْمٌ فَلِمَ تُحَاجُّونَ فِيمَا لَيْسَ لَكُم بِهِ عِلْمٌ ۚ وَاللَّهُ يَعْلَمُ وَأَنتُمْ لَا تَعْلَمُونَ﴾
[ آل عمران: 66]
तो क्या तुम इतना भी नहीं समझते? (ऐ लो अरे) तुम वही एहमक़ लोग हो कि जिस का तुम्हें कुछ इल्म था उसमें तो झगड़ा कर चुके (खैर) फिर तब उसमें क्या (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़ने बैठे हो जिसकी (सिरे से) तुम्हें कुछ ख़बर नहीं और (हकॣक़ते हाल तो) खुदा जानता है और तुम नहीं जानते
Surah Al Imran Hindi31. अर्थात अपने धर्म के विषय में। 32. अर्थात इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म के बारे में।
Surah Al Imran Verse 66 translate in arabic
ها أنتم هؤلاء حاججتم فيما لكم به علم فلم تحاجون فيما ليس لكم به علم والله يعلم وأنتم لا تعلمون
سورة: آل عمران - آية: ( 66 ) - جزء: ( 3 ) - صفحة: ( 58 )Surah Al Imran Ayat 66 meaning in Hindi
"ये तुम लोग हो कि उसके विषय में वाद-विवाद कर चुके जिसका तुम्हें कुछ ज्ञान था। अब उसके विषय में क्यों वाद-विवाद करते हो, जिसके विषय में तुम्हें कुछ भी ज्ञान नहीं? अल्लाह जानता है, तुम नहीं जानते"
Quran Urdu translation
دیکھو ایسی بات میں تو تم نے جھگڑا کیا ہی تھا جس کا تمہیں کچھ علم تھا بھی مگر ایسی بات میں کیوں جھگڑتے ہو جس کا تمہیں کچھ بھی علم نہیں اور خدا جانتا ہے اور تم نہیں جانتے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:66) Behold, you are those who have disputed greatly concerning matters which you knew; why are you now disputing about matters that you know nothing about? Allah knows it whereas you do not know.
Here you are - those who have argued about that of which meaning
phonetic Transliteration
Haantum haolai hajajtum feema lakum bihi AAilmun falima tuhajjoona feema laysa lakum bihi AAilmun waAllahu yaAAlamu waantum la taAAlamoona
English - Sahih International
Here you are - those who have argued about that of which you have [some] knowledge, but why do you argue about that of which you have no knowledge? And Allah knows, while you know not.
Quran Bangla tarjuma
শোন! ইতিপূর্বে তোমরা যে বিষয়ে কিছু জানতে, তাই নিয়ে বিবাদ করতে। এখন আবার যে বিষয়ে তোমরা কিছুই জান না, সে বিষয়ে কেন বিবাদ করছ?
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल सच तो ये है कि) हम अगर उनके पास फरिश्ते भी नाज़िल
- और उनके यह कहने की वजह से कि हमने मरियम के बेटे ईसा (स.) ख़ुदा
- वह तो मौत की दुआ करेगा
- और जिसने ख़ुदा की तरफ बुलाने वाले की बात न मानी तो (याद रहे कि)
- (उस दिन किहा जाएगा कि ऐ कुफ्फ़ार) तुम और जिस चीज़ की तुम खुदा के
- और अगर हम गिनती के चन्द रोज़ो तक उन पर अज़ाब करने में देर भी
- और दुरूस्त किया और जिसने (उसका) अन्दाज़ा मुक़र्रर किया फिर राह बतायी
- फिर फरिश्तों की क़सम जो वही लाते हैं
- जो माल को जमा करता है और गिन गिन कर रखता है
- उस दिन तुमको अपने परवरदिगार की बारगाह में चलना है
Quran surahs in Hindi :
Download surah Al Imran with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Al Imran mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Al Imran Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers