Surah Maidah Ayat 66 Tafseer in Hindi
﴿وَلَوْ أَنَّهُمْ أَقَامُوا التَّوْرَاةَ وَالْإِنجِيلَ وَمَا أُنزِلَ إِلَيْهِم مِّن رَّبِّهِمْ لَأَكَلُوا مِن فَوْقِهِمْ وَمِن تَحْتِ أَرْجُلِهِم ۚ مِّنْهُمْ أُمَّةٌ مُّقْتَصِدَةٌ ۖ وَكَثِيرٌ مِّنْهُمْ سَاءَ مَا يَعْمَلُونَ﴾
[ المائدة: 66]
और अगर यह लोग तौरैत और इन्जील और (सहीफ़े) उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ़ से नाज़िल किये गए थे (उनके एहकाम को) क़ायम रखते तो ज़रूर (उनके) ऊपर से भी (रिज़क़ बरस पड़ता) और पॉवों के नीचे से भी उबल आता और (ये ख़ूब चैन से) खाते उनमें से कुछ लोग तो एतदाल पर हैं (मगर) उनमें से बहुतेरे जो कुछ करते हैं बुरा ही करते हैं
Surah Al-Maidah Hindi40. अर्थात उनके आदेशों का पालन करते और उसे अपना जीवन विधान बनाते। 41. अर्थात आकाश की वर्षा तथा धर्ती की उपज में अधिकता होती।
Surah Maidah Verse 66 translate in arabic
ولو أنهم أقاموا التوراة والإنجيل وما أنـزل إليهم من ربهم لأكلوا من فوقهم ومن تحت أرجلهم منهم أمة مقتصدة وكثير منهم ساء ما يعملون
سورة: المائدة - آية: ( 66 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 119 )Surah Maidah Ayat 66 meaning in Hindi
और यदि वे तौरात और इनजील को और जो कुछ उनके रब की ओर से उनकी ओर उतारा गया है, उसे क़ायम रखते, तो उन्हें अपने ऊपर से भी खाने को मिलता और अपने पाँव के नीचे से भी। उनमें से एक गिरोह सीधे मार्ग पर चलनेवाला भी है, किन्तु उनमें से अधिकतर ऐसे है कि जो भी करते है बुरा होता है
Quran Urdu translation
اور اگر وہ تورات اور انجیل کو اور جو (اور کتابیں) ان کے پروردگار کی طرف سے ان پر نازل ہوئیں ان کو قائم رکھتے (تو ان پر رزق مینہ کی طرح برستا کہ) اپنے اوپر سے پاؤں کے نیچے سے کھاتے ان میں کچھ لوگ میانہ رو ہیں اور بہت سے ایسے ہیں جن کے اعمال برے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:66) Had the People of the Book observed the Torah and the Gospel, and all that had been revealed to them from their Lord, sustenance would have been showered over them from above and risen from beneath their feet. *96 Some among them certainly keep to the right path; but many of them do things which are evil.
And if only they upheld [the law of] the Torah, the Gospel, meaning
*96) In the Old Testament, Leviticus (chapter 26) and Deuteronomy (chapter 28) record a sermon of Moses in which he impresses upon Israel, in great detail, the bounties and blessings of God with which they would be endowed if they obeyed His commandments, and the afflictions, scourges and devastations that would descend upon them if they disobeyed Him and rejected the Book of God. That sermon of Moses is the best explanation of this verse of the Qur'an.
phonetic Transliteration
Walaw annahum aqamoo alttawrata waalinjeela wama onzila ilayhim min rabbihim laakaloo min fawqihim wamin tahti arjulihim minhum ommatun muqtasidatun wakatheerun minhum saa ma yaAAmaloona
English - Sahih International
And if only they upheld [the law of] the Torah, the Gospel, and what has been revealed to them from their Lord, they would have consumed [provision] from above them and from beneath their feet. Among them are a moderate community, but many of them - evil is that which they do.
Quran Bangla tarjuma
যদি তারা তওরাত, ইঞ্জিল এবং যা প্রতিপালকের পক্ষ থেকে তাদের প্রতি অবতীর্ণ হয়েছে, পুরোপুরি পালন করত, তবে তারা উপর থেকে এবং পায়ের নীচ থেকে ভক্ষণ করত। তাদের কিছুসংখ্যক লোক সৎপথের অনুগামী এবং অনেকেই মন্দ কাজ করে যাচ্ছে।
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