Surah Maidah Ayat 67 Tafseer in Hindi
﴿۞ يَا أَيُّهَا الرَّسُولُ بَلِّغْ مَا أُنزِلَ إِلَيْكَ مِن رَّبِّكَ ۖ وَإِن لَّمْ تَفْعَلْ فَمَا بَلَّغْتَ رِسَالَتَهُ ۚ وَاللَّهُ يَعْصِمُكَ مِنَ النَّاسِ ۗ إِنَّ اللَّهَ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الْكَافِرِينَ﴾
[ المائدة: 67]
ऐ रसूल जो हुक्म तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से तुम पर नाज़िल किया गया है पहुंचा दो और अगर तुमने ऐसा न किया तो (समझ लो कि) तुमने उसका कोई पैग़ाम ही नहीं पहुंचाया और (तुम डरो नहीं) ख़ुदा तुमको लोगों के श्शर से महफ़ूज़ रखेगा ख़ुदा हरगिज़ काफ़िरों की क़ौम को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुंचाता
Surah Al-Maidah Hindi42. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम। 43. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के नबी होने के पश्चात् आपपर विरोधियों ने कई बार प्राण घातक आक्रमण का प्रयास किया। जब आपने मक्का में सफ़ा पर्वत से एकेश्वरवाद का उपदेश दिया, तो आपके चचा अबू लहब ने आपपर पत्थर चलाए। फिर उसी युग में आप काबा के पास नमाज़ पढ़ रहे थे कि अबू जह्ल ने आपकी गर्दन रौंदने का प्रयास किया, किंतु आपके रक्षक फ़रिश्तों को देखकर भागा। और जब क़ुरैश ने यह योजना बनाई कि आपको वध कर दिया जाए, और प्रत्येक क़बीले का एक युवक आपके द्वार पर तलवार लेकर खड़ा रहे और आप निकलें तो सब एक साथ प्रहार कर दें, तब भी आप उनके बीच से निकल गए और किसी ने देखा भी नहीं। फिर आपने अपने साथी अबू बक्र के साथ हिजरत के समय सौर पर्वत की गुफा में शरण ली। काफ़िर गुफा के मुँह तक आपकी खोज में आ पहुँचे, उन्हें आपके साथी ने देखा, किंतु वे आपको नहीं देख सके। तथा जब आप वहाँ से मदीना चले, तो सुराक़ा नामी एक व्यक्ति ने क़रैश के पुरस्कार के लोभ में आकर आपका पीछा किया। किंतु उसके घोड़े के अगले पैर भूमि में धंस गए। उसने आपको गुहारा, आपने दुआ कर दी, और उसका घोड़ा निकल गया। उसने ऐसा प्रयास तीन बार किया, फिर भी असफल रहा। आपने उसको क्षमा कर दिया। और यह देखकर वह मुसलमान हो गया। आपने फरमाया कि एक दिन तुम अपने हाथ में ईरान के राजा का कंगन पहनोगे। और उमर बिन ख़त्ताब के युग में यह बात सच साबित हुई। मदीने में भी यहूदियों के क़बीले बनू नज़ीर ने छत के ऊपर से आप पर भारी पत्थर गिराने का प्रयास किया, जिससे अल्लाह ने आपको सूचित कर दिया। ख़ैबर की एक यहूदी स्त्री ने आपको विष मिलाकर बकरी का मांस खिलाया। परंतु आपपर उसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं हुआ। जबकि आपका एक साथी उसे खाकर मर गया। एक युद्ध यात्रा में आप अकेले एक वृक्ष के नीचे सो गए। एक व्यक्ति आया और आप की तलवार लेकर कहा : मुझसे आपको कौन बचाएगा? आपने कहा : अल्लाह! यह सुनकर वह काँपने लगा और उस के हाथ से तलवार गिर गई। आपने उसे क्षमा कर दिया। इन सब घटनाओं से यह सिद्ध हो जाता है कि अल्लाह ने आपकी रक्षा करने का जो वचन आपको दिया, उसको पूरा कर दिया।
Surah Maidah Verse 67 translate in arabic
ياأيها الرسول بلغ ما أنـزل إليك من ربك وإن لم تفعل فما بلغت رسالته والله يعصمك من الناس إن الله لا يهدي القوم الكافرين
سورة: المائدة - آية: ( 67 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 119 )Surah Maidah Ayat 67 meaning in Hindi
ऐ रसूल! तुम्हारे रब की ओर से तुम पर जो कुछ उतारा गया है, उसे पहुँचा दो। यदि ऐसा न किया तो तुमने उसका सन्देश नहीं पहुँचाया। अल्लाह तुम्हें लोगों (की बुराइयों) से बचाएगा। निश्चय ही अल्लाह इनकार करनेवाले लोगों को मार्ग नहीं दिखाता
Quran Urdu translation
اے پیغمبر جو ارشادات خدا کی طرف سے تم پر نازل ہوئے ہیں سب لوگوں کو پہنچا دو اور اگر ایسا نہ کیا تو تم خدا کے پیغام پہنچانے میں قاصر رہے (یعنی پیغمبری کا فرض ادا نہ کیا) اور خدا تم کو لوگوں سے بچائے رکھے گا بیشک خدا منکروں کو ہدایت نہیں دیتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:67) O Messenger! Deliver what has been revealed to you from your Lord, for if you fail to do that, you have not fulfilled the task of His messengership. Allah will certainly protect you from the evil of men. Surely Allah will not guide the unbelievers (to succeed against you).
O Messenger, announce that which has been revealed to you from your meaning
phonetic Transliteration
Ya ayyuha alrrasoolu balligh ma onzila ilayka min rabbika wain lam tafAAal fama ballaghta risalatahu waAllahu yaAAsimuka mina alnnasi inna Allaha la yahdee alqawma alkafireena
English - Sahih International
O Messenger, announce that which has been revealed to you from your Lord, and if you do not, then you have not conveyed His message. And Allah will protect you from the people. Indeed, Allah does not guide the disbelieving people.
Quran Bangla tarjuma
হে রসূল, পৌছে দিন আপনার প্রতিপালকের পক্ষ থেকে আপনার প্রতি যা অবতীর্ণ হয়েছে। আর যদি আপনি এরূপ না করেন, তবে আপনি তাঁর পয়গাম কিছুই পৌছালেন না। আল্লাহ আপনাকে মানুষের কাছ থেকে রক্ষা করবেন। নিশ্চয় আল্লাহ কাফেরদেরকে পথ প্রদর্শন করেন না।
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Ayats from Quran in Hindi
- और अगर नाफरमानों के पास रूए ज़मीन की सारी काएनात मिल जाएग बल्कि उनके साथ
- ऐ ईमानदारों तुमको ये जायज़ नहीं कि (अपने मुरिस की) औरतों से (निकाह कर) के
- और इसमें शक नहीं कि सुलेमान की हमारी बारगाह में कुर्ब व मज़ेलत और उमदा
- तो (अहले कश्ती ने) कुरआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी
- और लोगों में से कुछ ऐसे भी हैं जो एक किनारे पर (खड़े होकर) खुदा
- और इसमें शक़ नहीं कि ये काफ़िरों की हसरत का बाएस है
- मगर खुदा के निरे खरे बन्दे महफूज़ रहेंगे
- कि मै भी उस पर चलँ फिर अगर ये लोग (इस पर भी) न मानें
- और उस दिन जहन्नुम सामने कर दी जाएगी उस दिन इन्सान चौंकेगा मगर अब चौंकना
- और जिन लोगों नें कुफ्र एख्तियार किया था अपने (वक्त क़े) पैग़म्बरों से कहने लगे
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